मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित मंत्री अरूण जेटली से भेंट की। महाकुम्भ मेला-2021 के लिए 4570 करोड़ रूपए की एकमुश्त विशेष केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी से अप्रैल 2021 में हरिद्वार में महाकुम्भ मेले का आयोजन किया जाना है। इन चार महिनों में देश-विदेश से 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। हरिद्वार में महाकुम्भ मेला एक जनवरी 2021 से प्रारम्भ हो जाएगा। कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से संबंधित सभी काम अक्टूबर 2020 तक हर हाल में पूरे किए जाने हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात के दौरान कहा कि महाकुम्भ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए अवस्थापना संबंधी स्थायी प्रकृति के काम जैसे कि सड़क निर्माण, सुदृढ़ीकरण, घाटों का निर्माण आदि व अन्य काम जैसे पेयजल व विद्युत आपूर्ति, कानून व शांति व्यवस्था, यातायात व्यवस्था, पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराना, मेला क्षेत्र को साफ-स्वच्छ रखने के लिए कूड़ा निस्तारण का सुव्यवस्थित प्रबंध, धार्मिक संस्थाओं व श्रद्धालुओं के आवास के लिए अस्थाई कैम्पिंग स्थलों का विकास करना, पार्किंग स्थलों को विकसित करना आदि काम बड़े स्तर पर कराए जाने हैं। सभी प्रकार के काम अक्टूबर 2020 तक प्रत्येक दशा में पूरे कराए जाने हैं।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण हरिद्वार में महाकुम्भ मेला के आयोजन में केंद्र सरकार का वित्तीय सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से महाकुम्भ मेला 2021 के आयोजन के लिए एकमुश्त विशेष केंद्रीय सहायता के रूप 4570 करोड़ रूपए की धनराशि का प्राविधान आगामी केंद्रीय बजट में कराए जाने का अनुरोध किया। केंद्रीय वित मंत्री ने हरसम्भव सहयोग किए जाने के प्रति आश्वस्त किया।