हाईकोर्ट नैनीताल के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने राज्य के प्राइवेट मेडिकल कालेजों में अध्ययनरत छात्रों को राहत दी है। हाइकोर्ट ने फीस संबंधित हिमालयन मेडिकल कॉलेज व कम्बाइंड इंट्रेंस एक्जाम एसोसिएशन की विशेष अपील को खारिज कर एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा।
पूर्व में एकलपीठ ने सरकार के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के फीस बढ़ाने वाले शासनादेश को निरस्त कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिन छात्रों ने नये शासनादेश के हिसाब से फीस भर दी है। उनको 15 दिनों के भीतर फीस वापस दी जाए।राज्य सरकार ने आयुर्वेदिक मेडिकल कालेजो की फीस बढाने को लेकर 14 अक्टूबर 2015 को एक शासनादेश जारी किया था। इस साशनादेश को छात्र ललित तिवारी समेत अन्य ने याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, याचिका में कहा गया था कि सरकार ने गलत तरीके से फीस बढाने का जीओ जारी किया है।
याचिका में कहा गया था कि मेडिकल कॉलेजों ने अपने प्रॉस्पेक्ट्स के आधार पर एडमिशन फीस को 80 हजार रुपये ली थी। परन्तु सरकार ने नया जीओ जारी कर इस फीस को बढ़ाकर दो लाख 15 हजार कर दिया। जो एक्ट के विरुद्ध व अवैध है। पूर्व में एकलपीठ ने छात्रो से अधिक ली गयी फीस को वापस करने के आदेश दिए थे। इस आदेश को कालेज व अन्य ने खण्डपीठ में चुनोती दी थी जिसपर आज सुनवाई करते हुए खण्डपीठ ने एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए कालेज व अन्य की विशेष अपील निरस्त कर दी है।