अब गंगा की जलधारा में कूड़ा करकट नहीं देखने मिलेगा। स्पर्श गंगा अभियान के 10वें स्थापना दिवस पर गंगा नदी में कूड़ा नियंत्रक ट्रैश बूम लगाया गया है। इस उपकरण की सहायता से गंगा नदी में बहने वाले कूड़ा करकट निकाले जा सकेंगे।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने स्पर्श गंगा अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के स्थापना दिवस पर सोमवार को त्रिवेणी घाट पर एक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्पर्श गंगा टीम की ओर से त्रिवेणी घाट पर यह सयंत्र स्थापित किया गया। सयंत्र का शुभारंभ ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाईं ने किया।
स्पर्श गंगा अभियान के गढ़वाल संयोजक एसएस भंडारी ने बताया कि सोमवार को स्पर्श गंगा अभियान का स्थापना दिवस है। इस अवसर पर गंगा की निर्मलता और स्वच्छता को बनाए रखने के लिए योजना तैयार की गई है। इसके तहत ट्रेश बूम सयंत्र स्थापित किया गया है। सयंत्र का निर्माण पश्चिम बंगाल की एक कंपनी ने किया है। उन्होंने कहा कि गंगा में बह कर आने वाला कचरा इसमें एकत्र हो जाएगा।
कंपनी के साइट इंजीनियर शुभम नेगी ने बताया कि ट्रेश बूम उपकरण पांच मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से आने वाले जल के दबाव को सहन कर सकता है। नदी में बहने वाली गंदगी जैसे कपड़े, फूल, पत्थर, पूजन सामग्री कीचड़, लकड़ी इस संयंत्र में फंस जाएगी। उसके बाद इस सामग्री को आसानी से हटाया जा सकेगा।