मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पिरूल को मनरेगा से जोडने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान कर दी है। उत्तराखण्ड को यह प्रोजेक्ट के रूप में उपलब्ध होगा। राज्य में अब पिरूल बेरोजगारी दूर करने तथा आय के संसाधनों में वृद्धि में भी मददगार होगा। इससे 143 प्रकार के आइटम तैयार किये जा सकते है। सहकारिता से भी इससे संबंधित योजनाओं को जोड़ा जायेगा।
सोमवार को देर सांय मुख्यमंत्री आवास में जिला सहकारी बैंको एवं भेषज संघो के नव निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं संचालकगणों के स्वागत समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पिरूल हमारी आर्थिकी मजबूती का प्रमुख आधार बन सकता है। इस सम्बन्ध में उन्होंने कुछ दिन पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से पिरूल एकत्रीकरण कार्य को मनरेगा से जोडने का अनुरोध किया था। अब केन्द्र सरकार द्वारा इसकी सैद्धान्तिक सहमति प्रदान कर दी है। यह राज्य के लिये बेरोजगारी को दूर करने, आय के साधन बढाने में भी गेम चेन्जर साबित होगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ग्रामीण जनजीवन में बदलाव लाने के साथ ही ग्रामीण आर्थिकी को मजबूती के लिये सहकारिता एक बडा माध्यम है। स्वरोजगार के लिये विभिन्न रोजगार परक कार्यक्रमों के लिये अधिक से अधिक धनराशि उपलब्ध कराने के प्रयास किये जाये। ब्याज की कम दर होने से यह समाज में बदलाव का भी माध्यम बन सकता है। इसके लिये सहकारिता से जुडे लोगों को आम आदमी के पास जाना होगा। उसे अपने साथ जोडना होगा। योजनाओं की जानकारी आम आदमी तक पहुचानी होगी।
उन्होंने कहा कि सहकारिता से जुडे लोग कोपरेटिव द्वारा पं.दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता ऋण योजना के तहत ऋण लेने वालों की स्थितिका भी जायजा लिया जाय कि क्या उन्हें इससे कितना फायदा हुआ। इससे अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित होंगे तथा अधिक से अधिक लोगों को इसका फायदा मिल सकेगा। इस योजना के तहत अब तक 03 लाख लोगों को ऋण दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ट्राउट मछली पालन, अंगूरा ऊन केे कलस्टर तैयार किये जाये। यह भी आर्थिकी को मजबूती प्रदान करेगा। इस प्रकार सहकारिता सबका साथ सबका विकास के विचार को साकार करने में भी मददगार साबित हो सकेगी। हमें सहकारिता को समाज की बेहतरी के लिये आम आदमी से जोडना होगा।
इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता को जनता से जोडने के लिये निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। सहकारिता को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की दिशा में भी हमारे प्रयास जारी है।