अब घर बैठे देख सकेंगे सरकारी कर्मचारी जीपीएफ खाता

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग उत्तराखंड की ओर से एनआइसी के सहयोग से तैयार ऑनलाइन जीपीएफ उत्तराखंड मोबाइल एप को लांच किया। इस एप के जरिए राज्य के सरकारी कर्मचारी अपने भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते को घर बैठे मोबाइल में हीे ऑनलाइन देख सकेंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एप लांच करते हुए कहा कि सूचना तकनीकी के जरिये ई-गर्वनेंस की सेवाओं में सुगमता आई है। उन्होंने कहा कि इस एप के जरिये कर्मचारियों के भविष्य निधि लेखे तक उनकी पहुंच आसान हो जाएगी। उन्हें अपने जीपीएफ की राशि की जानकारी लेने में आसानी होगी। वे अपने मोबाइल से घर बैठे जीपीएफ खाते की पूरी जानकारी ले सकेंगे।

जीपीएफ ऑनलाइन उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ से संबंधित विभिन्न सूचनाओं के साथ ही जीपीएफ का संपूर्ण ब्योरा, शेष राशि, दिशा निर्देश, अंतिम स्टेटमेंट आदि की जानकारी मिलेगी। इंटरनेट बंद होने की दशा में यह ऑफलाइन मोड में भी काम करेगा। जिन कर्मियों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, उनके लिए एनआइसी ने एसएमएस सेवा का प्रावधान किया गया है।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार के कार्यकाल को 20 महीने से अधिक का समय हो चुका है। इस दौरान सरकार की कोशिश रही है कि जो भी वायदे किए गए हैं उन्हें पूरा किआ जाए। राज्य में नीतिगत परिवर्तन किए और राज्य की भौगोलिक परिस्तिथि को देख किए इन नीतिगत परिवर्तनों से राज्य की आर्थिकी में एक बड़ा परिवर्तन सामने आया है।

सीएम ने कहा कि किसी भी राज्य के लिए आर्थिक विकास महत्वपूर्ण कड़ी होती है। साल 2018-19 में राज्य की आर्थिक विकास दर 7.03 प्रतिशत हुई है। दो सालों में तेजी से आर्थिक विकास दर तेजी से बढ़ी है। इन्वस्टर्स समिट के माध्यम से जो प्रयास किए गए उनके परिणाम आने भी शुरू हो गए है।

रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में 2017 तक 1123 डॉक्टर्स थे, इस बीच 1137 नए डॉक्टरों की भर्ती की गई है। ये चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है। साथ ही सरकार ने राज्य के सभी परिवारों को अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना से भी आच्छादित किया है।

इससे हर दिन एक लाख 10 हजार कार्ड बन रहे हैं और सरकार की कोशिश है कि जून महीने तक हर व्यक्ति को ये कार्ड मिल जाए। उन्होंने ये भी बताया कि एक महीने में 23 हर लोगों को निशुल्क इलाज मिल चुका है।