संत जहां भी रहें, वह स्थान छोड़ना नहींः मुरारी बापू

अखिल भारतीय संत समिति विरक्त वैष्णव मंडल के सभी महामंडलेश्वर महंतो ने मुरारी बापू का स्वागत किया।

राम तपस्थली आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज की अध्यक्षता में वैदिक मंत्रोचार के साथ ऋषि कुमारों ने मुरारी बापू का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। महामंडलेश्वर दया रामदास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज ने समस्त संत समाज की ओर से मुरारी बापू को उत्तरीय उड़ा कर उनका अभिवादन किया। सभी संत समाज ने मिलकर मुरारी बापू को तुलसी का पौधा भेंट किया। इस अवसर पर मुरारी बापू ने ब्रह्मपुरी में आधा घंटा बैठकर गंगा तट के किनारे मां गंगा की पूजा अर्चना, दूधाभिषेक व मां गंगा की आरती की।

मुरारी बापू ने कहा कि संत समागम, हरि कथा, मिले ना बारंबार, संतों का जहां भी सत्संग हो जहां भी संतों का दर्शन हो, वह स्थान कभी भी किसी मानव को छोड़ना नहीं चाहिए। तुरंत संतो के दर्शन कर लेनी चाहिए। यह बड़े भाग्य से प्राप्त होते हैं क्योंकि संतों का ह्रदय गंगा के जैसे पवित्र निर्मल व सरल सदा रहता है। बापू की रामकथा देवप्रयाग जाने से पूर्व ब्रह्मपुरी में सभी संतो के साथ बैठकर राम नाम संकीर्तन व सभी संतो से संत मिलन बापू श्री के द्वारा किया गया।

महामंडलेश्वर अभिराम दास महाराज ने सभी संतो के प्रतिनिधि के रूप में बापू श्री का अभिनंदन किया। मौके पर महामंडलेश्वर दया रामदास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, महंत महावीर दास, महंत सुरेश दास, महंत चक्रपाणि दास, महंत लोकेश दास, तुलसी मानस मंदिर के अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री, दीपक दास, महंत सतुआ बाबा वाराणसी, अभिषेक शर्मा ‌आदि मौजूद थे।