दुल्हन बनना था लेकिन कोरोना से जंग को चुना ड्यूटी का फर्ज

देशभर में कोरोना वायरस के खौफ और लॉकडाउन के बीच ऋषिकेश के मुनिकीरेती थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर शाहिदा परवीन ने जिम्मेदारी की ऐसी मिसाल कायम की है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी नजीर बन जाएगी। शाहिदा ने अपनी आने वाली खूबसूरत जिंदगी के आगे वर्दी के फर्ज को चुना और कोरोना को हराने के बाद ही निकाह करने का फैसला लिया। सब कुछ ठीक रहता तो शाहिदा 5 अप्रैल को दुल्हन के रूप में सजी होतीं। लेकिन, उनके मुंह पर मास्क था और हाथ में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डंडा। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान पांच अप्रैल को होने वाली अपनी शादी को अपने कर्तव्य के लिए स्थगित कर दिया है। शाहिदा के इस फैसले से उत्तराखंड पुलिस विभाग में ही नहीं, समाज में भी उनका कद और बढ़ गया है।
2016 बैच की भर्ती सब इंस्पेक्टर शाहिदा परवीन पुत्री रहीम शाह निवासी कान्हरवाला, भानियावाला देहरादून वर्तमान में मुनिकीरेती थाने में तैनात है। उनका निकाह लक्सर जिला हरिद्वार निवासी शाहिद शाह पुत्र गुलाम साबिर के साथ पांच अप्रैल को तय हुआ था। शाहिद शाह वर्तमान में हरिद्वार रेलवे में टीटीई के पद पर कार्यरत हैं। दोनों ही परिवारों ने निकाह की पूरी तैयारी कर ली थी।
यहां तक की सब इंस्पेक्टर ने निकाह के लिए 50 दिनों के अवकाश के लिए आवेदन भी कर दिया था। इसके बाद लॉकडाउन की पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की और शाहिदा परवीन ने निकाह से पहले अपने फर्ज को पूरा करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने होने वाले शौहर से बात की और कोरोना खत्म होने तक निकाह न करने का फैसला किया।
इसे हरिद्वार निवासी शाहिद शाह ने भी स्वीकारा। शाहिदा ने बताया कि यदि पुलिस अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगी तो इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि मैंने जब से खाकी वर्दी पहनी है, मेरे लिए लोगों की परेशानी और ड्यूटी पहले है। यही कारण है कि लॉकडाउन में निकाह से पहले ड्यूटी को चुना। परवीन ने बताया कि निकाह की तारीख बदलने से सबसे ज्यादा उनकी मां अनीशा निराश हुईं। इसके बावजूद मां ने बेटी के फैसले को सहर्ष स्वीकार कर लिया।