उत्तराखंड का लाल आदित्यनाथ उर्फ अजय यूपी का सीएम

सात भाई बहनों में पांचवें नंबर पर हैं योगी आदित्यनाथ
बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट, प्राथमिक शिक्षा ग्राम ठांगर के विद्यालय में हुई
ऑटोनॉमस पीजी कॉलेज ऋषिकेश से एमएससी की, पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक के पंचूर गांव के निवासी

ऋषिकेश।
पिता आनंद सिंह बिष्ट एवं माता सावित्री देवी के लाडले योगी (मूल नाम अजय)बचपन से ही मेघावी छात्र रहे। पिता आनंद सिंह 1991 में वन विभाग में रेंजर पद से सेवानिवृत्त हुए जबकि माता सावित्री देवी गृहणी हैं। योगी आदित्यनाथ के बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट है। प्राथमिक शिक्षा ग्राम ठांगर के प्राथमिक विद्यालय में हुई। 1983 में इंटर कॉलेज चमकोटखाल से नौवीं एवं 1984 में टिहरी के गजा से हाईस्कूल प्रथम श्रेणी में पास किया। 1986 में भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। राजकीय डिग्री कॉलेज कोटद्वार से 1989 में बीएससी एवं 1991 में ऑटोनॉमस कॉलेज से एमएससी प्रथम श्रेणी में पास की। बचपन से ही होनहार रहे योगी आदित्यनाथ ऋषिकेश के इंदिरानगर में किराए का कमरा लेकर रहे। 1993 में गोरखपुर चले गए। वर्ष 1994 में गोरखपुर के सांसद और महंत अवेद्यनाथ ने अजय सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। 1998 में सबसे कम उम्र में वह पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद 1999, 2004, 2009 एवं 2014 को पांचवीं बार सांसद चुने गए। 2002 में योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू युवा वाहिनी का गठन भी किया।

ऋषिकेश में रहे दो साल
योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय बिष्ट ऋषिकेश के इंदिरानगर में दो साल रहे हैं। अशोक भद्री के आवास में रहकर उन्होंने श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद उन्होंने कोटद्वार से बीएससी की पढ़ाई की। अपने भाई की शादी में पिछले वर्ष यमकेश्वर स्थित गांव में पहुंचे योगी अपने पुराने मकान मालिक से मिलना नहीं भूले। योगी भाई की शादी में जाने से पहले अशोक भद्री के आवास इंदिरानगर पहुंचे थे जहां स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया था। उनके भाई के मित्र विनोद भट्ट ही उन्हें लेकर गांव पहुंचे थे।

ऋषिनगरी में भी है पीठ की धर्मशाला
ऋषिनगरी में लक्ष्मणझूला स्थित योगेन्द्र श्री शीलनाथ समाधि मंदिर और धर्मशाला गोरखपुर पीठ का ही अंग है। योगी जब भी ऋषिनगरी पहुंचते हैं तो शीलनाथ मंदिर में आना नहीं भूलते हैं। ऋषिकेश निवासी विनोद भट्ट बताते हैं कि पिछली दफा जब वह अपने भाई की शादी में पहुंचे थे तो उन्होंने अपनी वाई श्रेणी की सुरक्षा को दिल्ली वापस भेज दिया था। उन्होंने कहा था कि उनको अपने मूल गांव जाने के लिए कोई सुरक्षा नहीं चाहिए। उत्तराखंड की शांत वादियों में सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है।

भाई से मिलने जाएंगे लखनऊ
योगी के भाई मानेन्द्र ने हिन्दुस्तान को बताया कि भाई की उत्तर प्रदेश में ताजपोशी से पूरा क्षेत्र खुशी से झूम उठा है। घर में बधाई देनेवालों का तांता लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि वह योगी के पीआरओ से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका नम्बर व्यस्त जा रहा है। शीघ्र ही एक-दो दिन में लखनऊ जाकर भाई को बधाई देंगे। उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्यों को लेकर लखनऊ जाने पर विचार चल रहा है।