बिजली व पानी के बिलों में अप्रत्याशित वृद्धि, विरोध में सीएम को भेजा ज्ञापन

उत्तराखंड जन विकास मंच के द्वारा बिजली व पानी के बिलों में अप्रत्याशित वृद्धि के विरोध स्वरूप आज होने वाली रैली को बारिश के चलते स्थगित कर दिया गया। लेकिन मंच की ओर से कार्यकर्ता व क्षेत्रवासियों ने विद्युत उपखंड अधिकारी श्यामपुर एवं जलकल अधिकारी श्यामपुर के कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया।
इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा व राजेश व्यास ने बताया कि बिजली व पानी में विगत कुछ वर्षों से अप्रत्याशित वृद्धि के कारण आम उपभोक्ताओं को अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। यूपीसीएल द्वारा अपने उपभोक्ताओं से बिजली के बिलों में फिक्स चार्ज, फ्यूल चार्ज, विद्युत कर, ग्रीन कर आदि लगाए जाते हैं जोकि सरासर अन्याय पूर्ण है। इसे पूर्णतया समाप्त किया जाना चाहिए।
मंच के उपाध्यक्ष जनार्दन नवानी व देवेंद्र बेलवाल ने कहा कि पानी के बिलों में 15 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अप्रत्याशित वृद्धि किसी भी दृष्टि से न्याय पूर्ण नहीं है। इसे यथाशीघ्र समाप्त कर जनता को राहत दी जानी चाहिए। राजेंद्र गैरोला व प्रचार सचिव विनोद पोखरियाल ने बताया कि यूपीसीएल द्वारा बिजली का बिल 2 माह में दिया जाता है जिसके चलते को 100, 200, 300 यूनिट तक विद्युत का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को स्लेब का लाभ नहीं मिल पाता। उन्होंने यूपीसीएल द्वारा उपभोक्ताओं को प्रतिमाह विद्युत बिल देने की मांग की।
दलित शोषित मंच के अध्यक्ष जतिन जाटव व राजेंद्र पाल ने कहा उत्तराखंड जन विकास मंच द्वारा बिजली व पानी की मूलभूत मांगों को लेकर चलाये जा रहे आंदोलन को समर्थन दिया।
इस अवसर पर ज्ञापन प्रेषित करने वालों में पूर्व ग्राम प्रधान सतीश रावत, विस्थापित पशुलोक के पूर्व प्रधान हरि सिंह भंडारी, नगर निगम पार्षद विपिन पंत, पूर्व बीडीसी वीर सिंह नेगी, प्रवीण सिंह. बेचैन गुप्ता, गजेंद्र बिष्ट, सूरज, मनमोहन आदि उपस्थित रहे।