तिब्बत के पीएम ने भारत की प्रशंसा की, क्या कहा। जानिये पूरी खबर …

डॉ. लोबसांग ने कहा भारत हमारा पड़ोसी ही नहीं, हमारी संस्कृति का धरोहर भी

ऋषिकेश।
तिब्बत की निर्वासित सरकार के 16 वें प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांगे ने कहा कि भारत हमारा पड़ोसी देश ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति का धरोहर है। विश्व को ज्ञान देने वाला भारत असल मायने में विश्व गुरु है। भारत की सभ्यता और संस्कृति की जितनी सराहना की जाए, उतना कम है। यह बात तिब्बत की निर्वासित सरकार के 16 वें प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांगे ने कही। वह अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत अपराह्न तीन बजे गौहरीमाफी स्थित तिब्बत होम पहुंचे। गौहरीमाफी के स्कूल में तिब्बती समुदाय के ढाई सौ बच्चे कक्षा छह से आठ तक की शिक्षा ग्रहण करते हैं। उन्होंने बच्चों के कार्यक्रम की सराहना की और छात्रों से संवाद भी किया।
गौहरीमाफी स्थित तिब्बत होम में उनका स्वागत पुष्पवर्षा से किया गया। उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में सबसे पहले तिब्बत का राष्ट्रगान गाया गया। उसके बाद भारत के राष्ट्रगान की शुरुआत हुई। स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत छात्रों ने पारंपरिक लोकनृत्य प्रस्तुत किए। पारम्परिक वेशभूषा पहने छात्रों ने समारोह में खूब सुर्खियां पाईं।
तिब्बत के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांगे ने छात्रों की प्रस्तुति की सराहना की। उन्होंने तिब्बत से दूर रहकर भी अपनी संस्कृति को जिंदा रखने के लिए छात्रों और अभिभावकों का धन्यवाद किया। कहा कि हम कितनी भी तरक्की क्यों न कर लें, यदि हमारी संस्कृति जीवित नहीं है तो हमारे जीवन का भी कोई उद्देश्य नहीं रह जाता है। उन्होंने डेढ़ घंटे से अधिक समय तक छात्रों के साथ संवाद किया। छात्रों को मन लगाकर पढ़ाई करने की सलाह दी।