ईवीएम पर हल्ला मचाने वाली पार्टियों ने ईसी के चैंलेज से बनाई दुरी

इलेक्शन कमीशन (ईसी) ने शनिवार को ईवीएम चैलेंज रखा था। सीपीएम और एनसीपी की टीम इसमें हिस्सा लेने पहुंचीं, लेकिन उन्होंने हैकिंग की कोशिश करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वो सिर्फ प्रॉसेजर समझने आए थे। चीफ इलेक्शन कमिश्नर नसीम जैदी ने भी पुष्टि की है कि दोनों पार्टियों की टीम ने चैलेंज लेने से मना कर दिया। बता दें कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में ईवीएम टैम्परिंग और हैक किए जाने के आरोप लगने के बाद ईसी ने यह चैलेंज रखा था। 14 ईवीएमचैलेंज के लिए रखी गई थीं।

– ईवीएम चैलेंज सुबह 10 बजे शुरू हुआ। जानकारी के मुताबिक ईसी ने 14 ईवीएम को चैलेंज के लिए रखा था।
– चैलेंज के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले सीपीएम और एनसीपी की टीम ईसी के ऑफिस पहुंची। उन्हें कोई भी चार-चार मशीन चुनने के लिए कहा गया।
– करीब दो घंटे के बाद दोनों टीमों के मेंबर्स ने कहा कि वो सिर्फ प्रॉसेस समझने आए थे।

7 में से 2 टीमों ने ही कराया था रजिस्ट्रेशन
-इलेक्शन कमीशन ने शनिवार को ईवीएम चैलेंज रखा था। इसके लिए 7 में से सिर्फ 2 नेशनल पार्टियों- एनसीपी और सीपीएम ने ही रजिस्ट्रेशन कराया था।
– लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने चैलेंज में शिरकत के लिए लेटर जरूर भेजा, लेकिन ये तय वक्त के बाद इलेक्शन कमीशन को मिला। लिहाजा, आरजेडी इसमें हिस्सा नहीं ले पाएगी।

सबसे ज्यादा सवाल उठाने वाली AAP चैलेंज से दूर रही
– खास बात ये है कि ईवीएम पर तमाम सवाल उठाने वाली ‘आप’ ने इस चैलेंज में हिस्सा लेने से पहले ही मना कर दिया था।
– आप ने मदरबोर्ड चेंज करने की इजाजत मांगी थी, लेकिन कमीशन ने इनकार कर दिया था। ईसी ने कहा था- अगर मदरबोर्ड चेंज कर दिया तो वो असली ईवीएम कैसे रहेगी? इसके बाद आप ने इस चैलेंज में हिस्सा लेने से मना कर दिया था।
– ‘आप’ ने तो दिल्ली असेंबली का स्पेशल सेशन बुलाकर ईवीएम हैकिंग का दावा किया था। हालांकि, उसकी थ्योरी को कमीशन ने खारिज कर दिया था।
– यूपी असेंबली इलेक्शन में बीजेपी की जीत पर सवाल उठाने वाली बीएसपी, टीएमसी और कांग्रेस भी इसमें हिस्सा नहीं लिया।

इलेक्शन कमीशन के रूल्स
– ईवीएम चैलेंज के लिए इलेक्शन कमीशन ने कुछ रूल्स बनाए थे। इनके मुताबिक, मदरबोर्ड चेंज करने और इंटरनल सर्किट से छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं थी।
– ईवीएम को इलेक्शन कमीशन के दफ्तर से बाहर ले जाने की इजाजत भी नहीं दी गई थी।
– चैलेंज में हिस्सा लेने के लिए हर पार्टी को तीन-तीन लोगों की टीम भेजनी थी।
– रिप्रेजेंटेटिव्स को हैकिंग के लिए फोन या ब्लूटूथ का इस्तेमाल करने की इजाजत थी।

AAP ने भी रखा ईवीएम हैकाथन
– ईसी के ईवीएम चैलेंज के साथ ही शनिवार को आम आदमी पार्टी ने भी ईवीएम हैकाथन रखा।
– आप का दावा था कि उनका यह हैकाथन उन्हीं शर्तों पर है जिन पर ईसी ने ईवीएम चैलेंज रखा।
– इस चैलेंज में ईसी की शतों के तहत ही आप की ईवीएम को खराब साबित करने की चुनौती दी गई थी।

ईवीएमपर विवाद कब शुरू हुआ?
– इसी साल 5 राज्यों में आए चुनावी नतीजों के बाद ईवीएम के इस्तेमाल पर मायावती, हरीश रावत, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं ने सवाल उठाए। इन राज्यों में से यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी को भारी बहुमत मिला। खासकर केजरीवाल और मायावती ने आरोप लगाया कि यूपी में इस्तेमाल हुई ईवीएम में भारी गड़बड़ी हुई थी। इसी वजह से नतीजे बीजेपी के फेवर में आए थे। इसके बाद वीवीपीएटी को इस्तेमाल किए जाने की मांग उठी।

क्या है VVPAT?
– यह वोटिंग के वक्त वोटर्स को फीडबैक देने का एक तरीका है। इसके तहत ईवीएम से प्रिंटर की तरह एक मशीन अटैच की जाती है। वोट डालने के 10 सेकंड बाद इसमें से एक पर्ची निकलती है, जिस पर सीरियल नंबर, नाम और उस कैंडिडेट का इलेक्शन सिम्बल होता है, जिसे आपने वोट डाला है। यह पर्ची मशीन से निकलने के बाद उसमें लगे एक बॉक्स में चली जाती है।