भाव भक्ति से बोला गया भजन ही है नाद योग, ईश्वर प्राप्ति का मार्ग भी करता है प्रशस्तः स्वामी कैलाशानंद

मुनिकीरेती गंगा रिसॉर्ट में नवयोग सूर्योदय सेवा समिति एवं (पर्यटन मंत्रालय) उत्तराखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में, अंतरराष्ट्रीय योगउत्सव -2021 के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय वेबीनार विषय- नाद योग ध्यान द्वारा विश्वशांति का आयोजन किया गया।

उद्घाटन सत्र में श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर परमहंस कैलाशानंद गिरी महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़ा द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को बताया न तो मे वेद अध्ययन, न तप से, न मनन से, न धारणा से, न निर्विकल्प या विकल्प समाधि से प्राप्त होता हु। मै केवल मेरी कृपा से प्राप्त होता हूं। मेरी कृपा उसी पर होती है जिस पर गुरु कृपा होती है। उन्होंने कहा कि भाव भक्ति से बोला गया भजन ही नाद है वही ईश्वर को प्राप्त कर सकता है।

नाद योग गुरु प्रो. नवदीप जोशी ने कहा नाद योग की कार्यशाला को 100 से अधिक विश्वविद्यालय में कराया जाएगा , अभी तक 15 विश्वविद्यालय में कराया जा चुका है। अंतराष्ट्रीय सेमिनार में 946 दर्शक, 394 प्रतिभागी, 11 विश्व विद्यालय से 103 प्रोफेसर एवम् सहायक प्रोफेसर उपस्थित रहे। 43 शोध पत्र पढ़े गए।

उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष के रूप में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रूप किशोर शास्त्री जी तथा विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सुनील जोशी कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, विनय रोहिल्ला उपाध्यक्ष राज्य योजना आयोग, प्रोफेसर महेश सिलोडी लाल बहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय, डॉ विक्रम सिंह निदेशक फिजिकल फिटनेस विभाग जेएनयू, हरिद्वार के समाज सेवी डॉ विशाल गर्ग जिला महामंत्री व्यापार मंडल, डॉ राजीव कुरेले उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, डॉक्टर अंकित सैनी योगाचार्य ज्ञान प्रकाश आदि उपस्थित रहे।