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हमारे पूर्वजों की दी हुई भूमि का हो रहा सदुपयोगः महंत वत्सल शर्मा

उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, (UCOST) देहरादून द्वारा प्रायोजित, पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश (श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर) के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग व DNA लैब, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य पर प्रदेश स्तरीय दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस एवं कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला का विषय Cellular, Molecular and Biomedical skills : Needs in post pandemic era रहा।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि प्रोफेसर एन.पी. माहेश्वरी, भूतपूर्व उच्च शिक्षा निदेशक, व विशिष्ट अतिथि ऋषिकेश भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्न शर्मा, वरुण प्रपन्न शर्मा एवं प्रो पंकज पंत, प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ऋषिकेश डॉ नरोत्तम शर्मा, साइंटिस्ट डीएनए लैब व कार्यशाला के आयोजन सचिव प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने बताया कि हैंड्स ऑन ट्रेनिंग एवं नवीनतम तकनीकी द्वारा, बायोमेडिकल, पैरामेडिकल क्षेत्र के प्रतिभागियो को प्रशिक्षण दिया जायेगा। डीएनए लैब के वैज्ञानिक डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य है कि कोविड 19 के परिपेक्ष्य में समाज व पैरामेडिकल युवा हमारी नवीन तकनीकों से अधिक से अधिक लाभान्वित हो सकें।

महंत वत्सल प्रपन्न शर्मा ने कहा कि हमारा ट्रस्ट ऋषिकेश के छात्र छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए हमेशा से कार्यरत है व आगे भी कार्य करता रहेगा हमारे पूर्वजों द्वारा ऋषिकेश महाविद्यालय व ऋषिकेश अस्पताल हेतु जो भूमि दी गई उसका सदुपयोग हो रहा है, उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो पंत का आभार व्यक्त किया गया।

इसके बाद प्रोफेसर माहेश्वरी ने कहा कि कोविड-19 के कारण हमारी जीवनशैली व कार्य करने के तरीके पर विश्व भर में हैरान करने वाले चुनोतियो का प्रभाव पड़ रहा है व बॉयोमेडिकल सेक्टर पर इन चुनोतियो का भार था जो उन्होंने बखूबी वहन किया।

उद्धघाटन सत्र के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया हुआ व कहा कि पंडित ललित मोहन जी ने जो भूमि महाविद्यालय को प्रदान की, उससे लाखों छात्र-छात्राएं आज यहां से शिक्षार्थ पाकर सेवाएं देश विदेशों में दे रहे हैं।

कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सेशन में प्रतिभागियों को बायोसेफ्टी लैब एवं डीएनए आइसोलेशन एवं आरटी पीसीआर आदि उपकरणों को रूबरू व जानकारी दी गई व प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला के द्वितीय तकनीकी सेशन में टेक्नो हब लैबोरेट्री देहरादून के सिद्धार्थ माधव ने Detection of Diabeties Retinopathy with Image Processing and Artificial Intelligence विषय पर बताया जोकि छात्रों के लिए बहुत उपयोगी एवं रुचिकर था।

उसके बाद एम्स ऋषिकेश के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ आशीष कोठारी ने रोल ऑफ sequencing इन मॉलेक्युलर साइंस विषय पर व्याख्यान दिया। उसके बाद एम्स ऋषिकेश के डॉ आशीष कुमार बायोकेमिस्ट्री विभाग ने बायो methodology ऑफ लैबोरेटरी एनिमल विषय पर व्याख्यान दिया।

अंत मे मिस अंकिता सिंह, व मिस्टर तेजपाल जूनियर साइंटिस्ट ने RT PCR, Master mixture Preparation for DNA Isolation processing के बारे में बताया।

कार्यशाला का संचालन सफिया हसन ने किया। इस मौके पर प्रो सुषमा गुप्ता, डॉ अनिल कुमार, डॉ पूजा कुकरेती, डॉ इंदु तिवारी, शालिनी कोटियाल, देवेंद्र भट्ट, अर्जुन पालीवाल, विवेक राजभर, आदि मौजूद थे।