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योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांव में जश्न

ढोल-दमाऊ की थाप पर खूब थिरके पंचूर के ग्रामीण

ऋषिकेश।
रविवार को सुबह से ही पंचूर गांव में अलग माहौल रहा। पंचूर से सटे विथ्याणी, कांडी, ठांगर, शीला, दमराडा, भृगुखाल के ग्रामीण योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने की जानकारी मिलने पर उनके पिता सेवानिवृत्त रेंजर आनंद सिंह बिष्ट और माता सावित्री देवी से मिलने गांव पहुंचने लगे। योगी के परिजनों ने पहले से ही घर पर लोगों के लिए चाय-पानी और भोजन की व्यवस्था करवा रखी थी। जैसे ही योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली पूरा गांव खुशी से झूम उठा। आतिशबाजी के साथ एक-दूसरे को मिठाई खिलाने का सिलसिला शुरू हो गया। ढोल-दमाऊ की थाप पर ग्रामीण शाम तक झूमते रहे। योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट, मां सावित्री देवी, भाई महेंद्र सिंह बिष्ट, मानेंद्र सिंह बिष्ट ने परिवार के साथ शपथ ग्रहण समारोह को टीवी पर देखा। स्थानीय लोगों को इस बात का भरोसा है कि योगी के मुख्यमंत्री बनने से यमकेश्वर क्षेत्र की अलग से पहचान बनेगी। पलायन का दंश झेल रहे क्षेत्र में उन्हें विकास की बयार बहने की उम्मीद है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि योगी स्थानीय लोगों को मूलभूत समस्याओं से निजात दिलाएंगे। योगी के छोटे भाई महेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि हमें अपने भाई पर गर्व है और आशा है कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है उसे वह बेखुबी से निभाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने से यमकेश्वर का विकास निश्चित है। वहीं यमकेश्वर की ब्लॉक प्रमुख कृष्णा नेगी, एसडीएम सोहन सिंह सैनी, तहसीलदार सुशील कुमार, सभासद हरीश तिवारी, योगी आदित्यनाथ के बड़े भाई के मित्र विनोद प्रसाद भट्ट, नंद किशोर नौटियाल, इंद्रेश बडथ्वाल, शोभाराम रतूड़ी, राहुल रावत आदि योगी के माता-पिता से मिलने उनके पैत्रृक गांव पंचूर पहुंचे।

शपथ ग्रहण पर भर आईं माता-पिता की आंखें
जैस ही योगी आदित्यनाथ शपथ के लिए मंच पर पहुंचे माता सावित्री देवी और पिता आनंद सिंह की आंखें भर आईं। पिता ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है वह उसे बखूबी निभाएंगे। सीएम बनने की घोषणा के बाद उनके घर पर नात-रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों का बधाई देने के लिए तांता लगा रहा।

कॉलेज के उच्चीकरण की उम्मीद
प्रदेश सरकार से उपेक्षित विथ्याणी में गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय के भी उच्चीकरण की उम्मीदें लोगों में हैं। महाविद्यालय में संकाय बढ़ने से स्थानीय छात्र-छात्राओं को क्षेत्र में ही पढ़ने का बेहतर अवसर मिल पाएगा।