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सरकार के साढ़े तीन साल पूर्ण होने पर पिथौरागढ़ में 27 विकास कार्यों का किया लोकार्पण व शिलान्यास

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पिथौरागढ़ के विकास कार्य के लिए 112 करोड़ 47 लाख 11 हजार की लागत के 27 विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया। जिसमें 32 करोड़, 30 लाख, 63 हजार रूपये की लागत से निर्मित 15 योजनाओं का लोकार्पण एवं 80 करोड़, 16 लाख, 48 हजार रूपये की लागत की कुल 12 विकास कार्यों का शिलान्यास शामिल है।

देवसिंह मैदान में स्थित नवनिर्मित बहुमंजिला कार पार्किंग के लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के आज साढ़े तीन साल पूर्ण हो रहे हैं। सरकार द्वारा इन साढ़े तीन सालों में राज्य के विकास हेतु जो वादे किये गये थे उनमें से अधिकांश पूर्ण कर लिये गये हैं। शेष विकास कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने हेतु कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। सरकार द्वारा राज्य में इन्वेस्टर समिट का आयोजन कर पहाड़ों के लिए 40 हजार करोड़ के एमओयू साइन किये गये। इनमें से अनेक होटल व्यवसाय के क्षेत्र में भी कार्य हुए जिनसे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिला है जिसका सीधा लाभ स्थानीय जनता को मिल रहा है। वर्तमान में सरकार द्वारा स्वरोजगार को बढ़ाये जाने हेतु विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कार्य कराये जा रहे हैं जिसमें से 800 करोड़ की सोलर फार्मिंग का कार्य प्रारम्भ हो गया है।

25 हजार बंदरों के लिए 04 बंदरबाड़े बनाए जा रहे
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वरोजगार के क्षेत्र में राज्य में 10 हजार नौजवानों को मोटर बाईक टैक्सी दी जा रही है, इसके अतिरिक्त कैंपा के तहत 40 हजार लोगों को प्रत्येक गांव में ही कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों एवं काश्तकारों को बन्दरों से होने वाले नुकसान को रोके जाने हेतु सरकार द्वारा प्रदेश में 25 हजार बन्दरों की क्षमता वाले 04 बन्दरबाडे बनाये जा रहे हैं जिसका शिलान्यास आगामी 09 नवम्बर 2020 को किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में समय-समय पर सरकारी विभागों में नौकरी हेतु भर्तियां की गयी, वर्ष 2017 में राज्य में 1084 चिकित्सक तैनात थे जो आज 2500 तक हो गये हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से शीघ्र ही 4 हजार नयी भर्तियां की जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य की कुल 86 प्रतिशत साक्षरता दर है इससे शत प्रतिशत करने के लिये एक पढ़े, एक को पढ़ायें के तहत राज्य की निरक्षरता को दूर कर उत्तराखंड को निरक्षरता से दूर किया जा सकता है।