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पनामा पेपर्स में 500 भारतीय हस्तियों के नामों का भी हैं खुलासा

पनामा पेपर्स में 500 भारतीय हस्तियों के नामों का खुलासा हुआ जिन्होंने टैक्स चोरी और काला धन सफेद करने के लिए टैक्स हैवन माने जाने वाले देशों में धन का निवेश किया। इस सूची में देश के कई जानेमाने उद्योगपतियों, फिल्मी सितारों और खिलाड़ियों का भी नाम आया। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, पंचकूला, देहरादून, वडोदरा और मंदसौर के व्यापारियों के नाम भी दस्तावेजों में हैं।

कई विदेशी हस्तियों के भी नाम
पनामा की विधि फर्म मोजैक फोंसेका के लीक हुए टैक्स दस्तावेजों से दुनिया की कई प्रमुख हस्तियों के नाम हैं। इनमें रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के करीबियों, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (दोषी करार), मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक, सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद, पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर भुट्टो, लीबिया के पूर्व शासक कर्नल गद्दाफी समेत कई हस्तियों के नाम हैं।
सउदी अरब के किंग सलमान बिन और अजरबैजान के राष्ट्रपति के बच्चों ने भी टैक्स बचाने के लिए ऑफशोर देशों में कंपनियां बनाई हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के परिवार का ऑफशोर खातों से संबंध है। इसी तरह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के पिता का भी इसी तरह के खातों से संबंध है।

खुलासा दर खुलासा
1.15 करोड़ टैक्स दस्तावेज लीक हुए हैं पनामा पेपर्स के
128 बड़े नेताओं ने अपनी संपत्ति छुपाने और कर बचाने के लिए टैक्स हैवेन देशों की मदद ली।
35 देशों में दफ्तर हैं मोसैक फॉन्सेका लॉ फर्म के जो लीक दस्तावेजों की जांच कर रहा है।
78 देशों की 109 मीडिया कंपनियों के पत्रकारों ने दस्तावेजों की जांच की है।
2.6 टेराबाइट डेटा सामने आया है पेपर लीक में जो लगभग 600 डीवीडी में आ सकता है।
1977 से लेकर 2015 तक लगभग 40 वर्षों का डाटा जांच में सामने आया है।

पनामा में विदेशी निवेश पर टैक्स नहीं

पनामा जैसे देश में विदेशी निवेश पर कोई टैक्स नहीं लगता। पनामा में दो तरह के कर वसूले जाते हैं। एक टेरेट्रियल टैक्स सिस्टम दूसरा है कॉर्पोरेशन टैक्स सिस्टम। रेसिंडेंट और नॉन रेसिडेंट कंपनियों से तभी टैक्स वसूला जाता है, जब आय देश में ही हुई हो।

40 लाख जनसंख्या है पनामा देश की राजधानी पनामा सिटी है।
3.50 लाख से ज्यादा गोपनीय कंपनियां हैं स्थापित की गई हैं पनामा में
25 फीसदी टैक्स लगता है कॉर्पोरेशन टैक्स सिस्टम में।
1.5 मिलियन डॉलर से ज्यादा टैक्सेबल रेवेन्यू उन पर अल्टरनेटिव टैक्स लग सकता है।
1.168 फीसदी टैक्स लगेगा उनके कुल टैक्सेबल आय पर ज्यादा से ज्यादा।
25 फीसदी टैक्स लग सकता है नेट टैक्सेबल आय पर।