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जल जीवन मिशन की योजनाओं की डीपीआर अगस्त तक पूर्ण करने के निर्देश

प्रदेश के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने पेयजल विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि बरसाती जल स्रोत द्वारा टैंक के माध्यम से जल संग्रह कर पेयजल हेतु उपयोग किया जाय।

पेयजल मंत्री ने कहा जल जीवन मिशन के तहत चलायी जाने वाली योजना के अतिरिक्त ग्राम पंचायत के माध्यम से पेयजल मद के योजना का उपयोग करने का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि इस योजना के तहत ग्राम पंचायत के माध्यम से उन क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया जाय जहां पेयजल की समस्या है अथवा पानी का स्रोत नही है। पंचायत के माध्यम से इस कार्य के लिए लगभग 300 करोड रूपये के बजट का उपयोग किया जायेगा।

पहाडी क्षेत्र में 8-10 किलोमीटर के बीच बहुत से स्थान है जहां जल स्रोत नही है या पेयजल की समस्या है। ऐसे क्षेत्रों में बरसाती जल स्रोत का उपयोग ढाई लाख लीटर क्षमता वाले टैंक में संग्रह कर साफ सफाई के बाद बरसात के बाद भी पेयजल हेतु उपयोग किया जायेगा।

बरसाती जल स्रोत का उपयोग परम्परागत रूप में भी किया जाता रहा है। इसकी लागत भी अत्यन्त कम आयेगी। ऐसे क्षेत्रों को भी चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है जहॉ पेयजल की मात्रा कम है।

बैठक में कहा गया कि जल जीवन मिशन की योजनाओं से सम्बन्धित डीपीआर अगस्त माह तक पूर्ण कर लिया जाय और टेण्डर इत्यादि करा कर सितम्बर से कार्य प्रारम्भ करा दिया जाय।

इस अवसर सचिव नितेश झा, अपर सचिव पेयजल नितिन भदौरिया, मुख्य महाप्रबन्धक जल संस्थान एस0 के0 शर्मा, मुख्य अभियन्ता विजय पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।