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ऑनलाइन क्लास के नाम पर व्हाट्सअप से पढ़ा रहे नामी स्कूल

बाल आयोग की ओर से अभिभावक, स्कूल प्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों के वेबीनार में प्राइवेट स्कूलों की ट्यूशन फीस को लेकर मनमानी के साथ ही ऑनलाइन एजुकेशन के नाम पर व्हाट्सअप से पढ़ाने का मामला सामने आया है। आयोग की ओर से इस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
वेबीनार में अभिभावकों ने बताया कि कई स्कूल ऑनलाइन एजुकेशन के नाम पर बच्चों को व्हाट्सअप के माध्यम से पढ़ा रहे हैं। वहीं, स्कूल की ओर से 4 दिन के भीतर परीक्षा आयोजित की जा रही है। इस पर बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को जांच कर संबंधित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। 
वेबीनार में ये शिकायतें भी आईं
– हरिद्वार के एक शिक्षक ने बताया कि उनके स्कूल की ओर से उन्हें आधी तनख्वाह दी जा रही है।
– हरिद्वार के एक अभिभावक ने कहा कि उनका बच्चा ऑनलाइन क्लास नहीं पढ़ पा रहा है और ना ही स्कूल द्वारा उसे पढ़ाया जा रहा है, इसलिए वह स्कूल से टीसी लेना चाहते हैं, लेकिन स्कूल टीसी नहीं दे रहा है।
– एक अन्य अभिभावक ने बताया कि स्कूल द्वारा रीएडमिशन के नाम पर 25 से 30 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। इस पर बाल आयोग की अध्यक्ष ने संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
– बैठक में एक विद्यालय के शिक्षकों द्वारा बताया गया कि उनके स्कूल प्रबंधन की ओर से उनके वेतन में भारी कटौती कर दी गई है, इसके अलावा पिछले 7 महीने से उन्हें वेतन भी नहीं दिया गया। इस पर बाल आयोग की अध्यक्ष ने जांच कराकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
– कई अभिभावकों ने कहा कि प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस से अधिक फीस वसूल रहे हैं। 
– अधिवक्ता पुनीत कंसल ने बताया कि अभिभावकों की समस्या के आधार पर उनके द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा गया था, जिस पर स्कूल की फीस का निर्धारण 500 से 700 किया गया। आयोग की अध्यक्ष ने अधिवक्ता से पत्र उपलब्ध कराने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि वह पत्र उपलब्ध कराया जाए, उसका संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों को स्कूलों को ट्यूशन फीस देनी चाहिए। जबकि जो अभिभावक किसी कारण से फीस देने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें स्कूलों के प्रिंसिपल को इस संबंध में प्रार्थना पत्र देना चाहिए। मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार आनंद भारद्वाज ने कहा कि आरटीई के तहत अब तक स्कूलों को 9 करोड़ का भुगतान किया गया है। वहीं, अधिक फीस मामले में स्कूलों पर एक लाख रुपये का जुर्माना किया जा रहा है। बैठक में शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।