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राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में प्रदेश को 590 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तत्वाधान में वार्षिक बजट अनुमोदन हेतु नई दिल्ली में आयोजित बैठक में उत्तराखण्ड राज्य को गत वित्तीय वर्ष के कुल परिव्यय रूपये 510 करोड़ के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल रूपये 590 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के संवर्धन में बल मिलेगा। बैठक में रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज के लिये 325 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई जबकि नगरीय स्वास्थ्य के संवर्धन हेतु राज्य द्वारा प्रस्तावित, जनपद हरिद्वार के भूपतवाला में अर्बन सीएचसी (नगरीय चिकित्सालय), की अनुमति प्राप्त हुई जिससे क्षेत्र में नगरीय तथा निकटवर्ती आबादी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त होगी। राज्य को 367 नई आशाओं के पद स्वीकृत कराये गए जिससे राज्य के दूरस्थ स्थानों पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संवर्धन में सहायता प्राप्त होगी। हल्द्वानी, जनपद नैनीताल में पूर्व से संचालित 30 शैय्या युक्त महिला अस्पताल के विस्तारीकरण हेतु प्राप्त अनुमोदन से अब उक्त चिकित्सालय की क्षमता बढ़कर 100 शैय्याओं की हो जाएगी जिससे क्षेत्र में महिला एवं शिशु स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
हल्द्वानी, जनपद नैनीताल में 150 शैय्या युक्त नवीन मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, जिसमें हृदय, किडनी तथा न्यूरो आदि विशेषज्ञ सेवाएं प्राप्त हो जाएँगी। जनपद देहरादून में उच्च गुणवत्ता परक रक्त सुविधाओं हेतु एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस केंद्र रक्त कोष की स्थापना की अनुमति प्राप्त की गयी जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में रक्त एवं रक्त उत्पादों की सुलभता होगी। राज्य को 20 नई एम्बुलेंस की अनुमति प्राप्त हुई है, जिससे रोगियों के परिवहन में सुलभता प्राप्त होगी। राज्य के दूरस्थ, यात्रा मार्गों पर दो नई पी.एच.सी. जनपद पिथौरागढ़ में पीएच सी गूंजी तथा जनपद उत्तरकाशी में पी.एच.सी जानकी चट्टी की संस्तुती प्राप्त हुई जिससे इन दूरस्थ स्थानों में चिकित्सा सेवाएं स्थानीय जन के साथ-साथ यात्रियों को भी प्राप्त होंगी।
बैठक में राज्य में राजकीय सेवा में कार्यरत स्नातक चिकित्सकों को एम्स ऋषिकेश से चिन्हित छः परास्नातक विधाओं में कोर्स कराए जाने के प्रस्ताव की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होने से न केवल क्षेत्र में विशेषज्ञों की सेवाएं प्राप्त होंगी अपितु चिकित्सकों में भी कौशल विकास होगा। आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य में 500 उपकेंद्रां को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा जिससे क्षेत्र में महिला एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ साथ समस्त आबादी को गैर संचारी रोगों की पहचान तथा निदान में सुलभता होगी जिससे न केवल स्वास्थ्य सुधार होगा बल्कि इन रोगों पे होने वाले व्यक्तिगत व्यय में भी कमी आयेगी। राज्य के पांच जनपदों में जन स्वास्थ्य जांच केंद्र का अनुमोदन प्राप्त हुआ, जिससे संक्रामक रोगों की जाँच सुलभ होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपन्न हुई उपरोक्त बैठक में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से स्वास्थ्य विभाग के दल का नेतृत्व सचिव स्वास्थ्य उत्तराखण्ड सरकार, नितेश कुमार झा द्वारा किया गया। उक्त दल में डॉ पंकज पाण्डेय प्रभारी सचिव स्वास्थ्य उत्तराखण्ड सरकार तथा युगल किशोर पन्त, मिशन निदेशक एन.एच.एम के साथ-साथ महानिदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग डॉ अमिता उप्रेती द्वारा प्रतिभाग किया गया। साथ इस अवसर पर चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।