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सेल्फ एसेसमेंट में करोड़ों की हेराफेरी कर निगम को लगाया चूना

सेल्फ एसेसमेंट (स्वकर निर्धारण प्रपत्र) में गड़बड़ी करने के मामले में नगर निगम देहरादून पैसिफिक मॉल से पांच करोड़ रुपये वसूल करेगा। इसमें टैक्स की रकम भी शामिल है। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने यह जानकारी दी। पिछले दिनों राजपुर रोड स्थित पैसिफिक मॉल के टैक्स असेसमेंट में गड़बड़ी सामने आई थी। जांच करने पर पता चला कि मॉल चलाने वाली कंपनी पैसिफिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. ने टैक्स असेसमेंट में गलत जानकारी दी थी।
गौरतलब है कि नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय के निर्देश पर कर अनुभाग की टीम ने पैसिफिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. द्वारा भरे गए सेल्फ असेसमेंट फॉर्म का भौतिक सत्यापन कराया था। जिसमें बढ़े स्तर पर टैक्स की हेराफेरी पाई गई थी। मॉल का एरिया काफी अधिक है, लेकिन सेल्फ असेसमेंट काफी कम बताया गया था। करीब दो वर्ष पहले भी मॉल की दोबारा पैमाइश कराई गई थी, जिसके बाद असेसमेंट 2.85 करोड़ रुपये से बढ़कर 3.68 करोड़ हो गया था। तब तत्कालीन मेयर विनोद चमोली ने मामले की जांच के आदेश दिए थे, जो ठंडे बस्ते में चली गई थी।
वहीं, नगर आयुक्त ने एक बार फिर शहर के 50 प्रतिष्ठानों द्वारा भरे गए सेल्फ असेसमेंट फॉर्म की जांच कराई, जिसमें से 15 प्रतिष्ठानों द्वारा सेल्फ असेसमेंट में गड़बड़ी करने की बात सामने आई थी। जिसके बाद नगर आयुक्त के निर्देश पर उप नगर आयुक्त सोनिया पंत बीते तीन दिसंबर से मामलों की सुनवाई कर रही हैं। वहीं, सुनवाई नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने स्वयं की। उन्होंने पैसिफिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. को टैक्स में आ रहे अंतर को चार गुना जुर्माने के साथ करीब पांच करोड़ रुपये जमा करने के आदेश दिए हैं।

जानिए क्या है कामर्शियल असेसमेंट
किसी भी कामर्शियल जमीन के सर्किल रेट, जिला प्रशासन द्वारा तय में कांप्लेक्स या मॉल की निर्माण लागत जोड़ दी जाती है। इसके बाद वार्षिक किराया मूल्यांकन, पांच प्रतिशत की दर से निकाला जाता है। इस पर 12 प्रतिशत टैक्स बनता है।

टैक्स इंस्पेक्टरों की भूमिका पर अब उठने लगे सवाल
पैसिफिक मॉल के सेल्फ असेसमेंट में हुई हेराफेरी में टैक्स इंस्पेक्टर की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। जिनके द्वारा प्रतिष्ठानों की ओर से किए गए गलत सेल्फ एसेसमेंट का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने गड़बड़ी करने वाले टैक्स इंस्पेक्टरों की सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद संलिप्त पाए जाने पर टैक्स इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इन प्रतिष्ठानों ने लगाई करोड़ों की चपत
जेकेजे रियल टेक प्राइवेट लिमिटेड, पैसेफिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, होटल सोलिटेयर, होटल सैफरान लीफ , होटल जेएसआर, होटल सौरभ, होटल ग्रीन मैजेस्टिक, राजकुमार भाटिया (होटल श्याम रेजीडेंसी) आरएन सकलानी(शेखर एंड मंयख डिजाईनर) सुनील गोयल (तनिष्क ज्वैलर्स), आशीर्वाद एसोसिएशन, अजय कुमार गुप्ता (ग्रैंड प्लाजा कांप्लेक्स), जगदीश चंद चैधरी (आकाश इंस्टीट्यूट), नरेश ग्रोवर, पंकज पुरी, नीरज पुरी (वृंदावन टावर)।