Tag Archives: Kumaon University Convocation XIII

वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की चुनौतियों का सामना करने को तैयार रहे युवा

नैनीताल।
उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने शुक्रवार को कुमाऊँ विश्वविद्यालय के तेरहवें दीक्षान्त समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को ऐसा शैक्षणिक आधार विकसित करने की ओर उन्मुख होना होगा जो विद्यार्थियों में विश्वास जागृत करे और कौशल विकास से सुसज्जित करके उन्हें ‘स्टार्टअप्स’ तथा उद्यमशीलता के लिए मदद कर सके।
उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में विश्वविद्यालयों को विशिष्ट कौशल से प्रेरित उत्कृष्ट ज्ञान से युवाओं को तैयार करना होगा। हमारे युवाओं को तेजी से बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा, चाहे वे विश्व में कहीं पर भी हों। उन्होंने कहा कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक सत्र का समयानुसार पालन करने में सक्षम रहा जो एक बड़ी उपलब्धि है। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं मान्यता परिषद से ‘ए’ श्रेणी का प्रमाणपत्र मिल चुका है जो बेहद गौरवपूर्ण है।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को पेटेंट पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। विश्वविद्यालय के नैनोसांइस तथा नैनोटैक्नोलाजी सेंटर को अपनी गतिविधियों में भी तेजी लानी होगी। विषय विशेषज्ञों(स्कालर्स) और विद्यार्थियों को प्रयोगशालाओं में यथासंभव अधिक से अधिक समय देने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र के सूदूरवर्ती एवं आंतरिक परिक्षेत्र में कुमाऊँ विश्वविद्यालय सराहनीय संस्थान है। यह प्रशंसनीय है कि विश्वविद्यालय ने अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ मिलकर अनुसंधान एवं तकनीकी विकास कार्यक्रमों की दिशा में संभावनाओं के निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया है। 106
राज्यपाल ने कहा स्थापित विषयों के अलावा हमारे विश्वविद्यालयों को अब पर्यावरण अध्ययन, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, जैव सूचना विज्ञान तथा उद्यमशीलता विकास जैसे उभरते क्षेत्रों से सम्बन्धित विषयों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। यहाँ से पढ़ाई पूरी करके भविष्य की दुनिया में कदम रखने जा रहे युवा भारतीय नागरिकों को अपने अर्जित ज्ञान और अंतर्निहित योग्यताओं के आधार पर यह साबित करना होगा कि वे दुनिया के सुयोग्य नागरिक हैं। उन्होंने कहा-‘बदलते समय के दृष्टिगत शैक्षणिक संस्थाओं को विभिन्न कौशल विषयों के लिए विशेष पाठ्यक्रम चलाने पर भी विचार करना होगा। पाठ्यक्रम बनाने वालों को पाठ्यक्रम संरचना/डिजाइन के समय समसामयिक रोजगारोन्मुख के अलावा भविष्य के लिए भी आकर्षक पाठ्यक्रम को ध्यान में रखना चाहिए।’
विश्वविद्यालय के इस तेरहवें दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल ने आज विद्धानों व छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिए गए मैडल्स हेतु बधाई और शुभकामनायें दी और उनका आह्वाहन करते हुए कहा कि इस बात का ध्यान रखना होगा कि-‘परफैक्ट अपौर्चुनिटी’ के इंतजार में कहीं सही अवसर भी उनके हाथ से न निकल जाये।’ उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति सहित सभी संकाय सदस्यों, सहयोगियों, अभिभावकों तथा इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।