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वित्त मंत्री अग्रवाल ने 8 हजार करोड़ से अधिक का इजाफा कर 65571 करोड़ रुपये का पेश किया बजट

उत्तराखंड के बजट में साल भर में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य का कुल बजट 57400 करोड़ था। जिसे इस बार बढ़ाकर 65571.49 करोड़ कर दिया गया है। एक साल के अंतराल पर बजट में आठ हजार करोड़ से अधिक का इजाफा हुआ है जो करीब 12 प्रतिशत बैठता है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बजट को तैयार करते समय समाज के हर वर्ग की जरूरत को ध्यान में रखा गया है। कहा कि उत्तराखंड के विकास को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है। कृषि, रोजगार, पलायन, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मुद्दों पर विशेषतौर से फोकस किया गया।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सामूहिक प्रयासों से राज्य की अर्थव्यवस्था कोरोना के प्रभावों से उभर गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से समाज के हर वर्ग को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन पिछले दो सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए सुधारात्मक कदमों से अर्थव्यवस्था के हर वर्ग में सुधार हुआ है।
वित्त मंत्री प्रेमंचद अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने राज्य का बजट तैयार करने से पहले समाज के हर वर्ग से राय मशविरा करने के साथ ही सुझाव लिए थे। गढ़वाल और कुमाऊं में बजट पर हर वर्ग की राय जानने के लिए अलग-अलग बैठकें बुलाई गई जिसमें 200 से अधिक सुझाव मिले थे। उन्होंने कहा कि इन सभी सुझावों को बजट में समाहित करने के प्रयास किए गए। इसके आधार पर ही राज्य का बजट तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा के सदन में 65571.49 करोड़ का बजट पेश किया। बजट में कई नई योजनाओं के साथ ही पहले से चल रही विकास योजनाओं के लिए भी वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि सरकार का यह बजट सर्व समावेशी है। इसमें किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों, वंचितों समेत समाज के सभी तबकों का ख्याल रखा गया है।
मंगलवार को सदन के पहले दिन अपराह्न चार बजकर पांच मिनट पर वित्त मंत्री प्रेमचंद ने अपना और धामी टू सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया। इस दौरान सीएम पुष्कर धामी भी सदन में मौजूद रहे। वित्त मंत्री ने बजट भाषण की शुरूआत कोरोना के योद्दाओं को आभार जताने के साथ शुरूआत की।
धामी सरकार के बजट में 2460.96 करोड़ का राजस्व सरप्लस, जबकि राजकोषीय घाटा 8503.70 करोड़ अनुमानित है। राजस्व मद में 49013.31 करोड़ जबकि पूंजी मद में 16558.18 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इससे पहले मार्च माह में चार महीनों के लिए 21 हजार करोड़ का लेखानुदान पेश किया था। पहले चार महीनों के लिए लाए गए आय व्यय को भी इस पूर्णकालिक बजट में समाहित किया गया है। बजट पेश करने के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक बार-बार मेजें थपथपा रहे थे।

एक नजर में बजट
आय-
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल प्राप्तियां 63774.55 करोड़ अनुमानित
करेत्तर राजस्व से राज्य को 5520.79 करोड़ प्राप्त हुए
राज्य का स्वयं का कर राजस्व 15370.56 करोड़

व्यय-
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजस्व लेखे का व्यय 49013.31 करोड़
वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूंजी लेखे का व्यय 16558.18 करोड़
राज्य कर्मियों के वेतन भत्तों पर 17350.21 करोड़ व्यय का प्रावधान
पेंशन मद में 6703.10 करोड़ का व्यय अनुमानित
ब्याज भुगतान के लिए बजट में 6017.85 करोड़ का प्रावधान