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हमारे पूर्वजों ने हमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश दियाः रमेश भटट

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भटट ने भीमताल के ऐतिहासिक हरेला पर्व में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज हरेला पर्व के रुप में हमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे गये हैं जिसे हम सब को मिलकर आगे बढ़ाना है। उन्होंने हरेला पर्व से जुड़ी अपने बचपन की यादें भी ताजा की। बतातें चले कि मीडिया सलाहकार रमेश भटट भी भीमताल के ही रहने वाले है।
भीमताल के हरेला पर्व में पहंुचने पर स्थानीय लोगों और आयोजकों ने मीडिया सलाहकार रमेश भटटक ा जोरदार स्वागत किया। स्थानीय लोगों का मानना है कि रमेश भटट को मुख्यमंत्री का मीडिया सलाहकार बनाने से भीमताल को एक नई पहचान मिली है। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहंुचे रमेश भटट ने सभी लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। हमारे संवाददाता से बातचीत में उन्होंने कहा कि अपने लोगों के बीच पहुंचना और उनसे बातें करने से ऊर्जा का संचार होता है। भीमताल उनका घर है वह हर किसी को पहचानते है। कार्यक्रम में उन्होंने हरेला पर्व की सभी को शुभकामनायें दी। कहा कि आज हमारी संस्कृति को नई पहचान मिली है। हरेला पर्व आज कई प्रदेशों में मनाया जाने लगा है। उत्तराखंड ने पूरे विश्व को सिखाया है कि पर्यावरण की सुरक्षा कैसे की जाती है।

मीडिया सलाहकार रमेश भटट ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरेला पर्व के माध्यम से विलुप्त हो रही नदियां और सूख रहे प्राकृतिक स्रोतों को फिर से पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री का मानना है कि नदियों के किनारे और सूख रहे प्राकृतिक स्रोतों को वृहद पौधरोपण कर फिर से जीवित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री के इस अभियान को व्यापक समर्थन मिल रहा है। रमेश भटट ने सभी से अधिक से अधिक पौधें लगाकर उनका सवंर्धन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा व वातावरण मिल सके इसके लिए सबको वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि हरेला सुख-समृद्धि व जागरूकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को अच्छा पर्यावरण मिले मिले इसके लिए हमें संकल्प लेना होगा।

मीडिया सलाहकार रमेश भटट ने कहा कि आज पूरा विश्व गलोबल वार्मिग की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में सभी की नजर वन आच्छादित उत्तराखंड में है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैव विविधता वाला राज्य है। भारत की कुल जैव विविधता में 28 प्रतिशत योगदान उत्तराखण्ड का है। ईकोलॉजी को बचाने की उत्तराखण्ड पर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्वजों की याद व बच्चों के जन्म व शादी पर वृक्षारोपण करने की पंरपरा को बनाये रखना होगा।

हरेला पर्व पर प्रदेश भर में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। इस बार हरेला पर्व पर 6.25 लाख पौधे लगाये जा रहे हैं। कार्यक्रम में उन्होंने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी और अधिक से अधिक लाभ उठाने को कहा। मीडिया सलाहकार रमेश भटट ने हरेला पर्व पर लगाई गई पांरपरिक स्टाॅलों का निरीक्षण भी किया। मौके पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। प्रतियोगिताओं में अव्वल आने पर उन्होंने कई बच्चों और छात्रों को सम्मानित भी किया।