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मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का राज्य के जीएसडीपी में 36 प्रतिशत से अधिक का योगदान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सुभाष रोड स्थित होटल पेसिफिक में उद्योग विभाग द्वारा आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर वाणिज्य उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया एवं स्टॉलों का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, ऐसे समय में वाणिज्य सप्ताह का आयोजन किया जाना सराहनीय है। वाणिज्य उत्सव का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना एवं विशेष रूप से भारत से निर्यात को बढ़ावा देना है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों व ट्रांसपोर्ट की अनेक बाधाओं के बावजूद उत्तराखंड राज्य साल दर साल निर्यात के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि केंद्र सरकार की ओर से जारी एक्सपोर्ट प्रीपेयर्डनेस इंडेक्स में उत्तराखंड राज्य को हिमालयी राज्यों की श्रेणी में प्रथम स्थान मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों में ही उत्तराखंड ने निर्यात के मामले में करीब दोगुना से अधिक की बढ़त हासिल की है। वर्ष 2017-18 में उत्तराखंड से 10,836 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ, वहीं 2020-21 में यह बढ़कर 15,914 करोड़ रुपये पहुंच गया है। राज्य में आटोमोबाइल व फार्मा इकाइयां सबसे बड़े निर्यातक क्षेत्र के रूप में उभरे हैं। इसके अलावा उत्तराखंड से पुष्प उत्पादन, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, जैविक उत्पाद, सगंध-औषधीय पौधे, जैव प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प की वस्तुओं का निर्यात विदेशों में होता है। राज्य में निर्यात क्षमता और राज्य से निर्यात योग्य उत्पादों एवं सेवाओं को बढ़ावा देने और प्रदर्शित करने के लिए भारत को एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति के रूप में प्रतिस्थापित करने के लिए वाणिज्य उत्सव का आयोजन मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड उत्तर भारत में अपनी प्रगतिशील नीतिगत ढांचे, गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति की उपलब्धता तथा अच्छी कानून व्यवस्था के कारण एक पसंदीदा निवेश गन्तव्य बन गया है। मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का राज्य के जीएसडीपी में 36 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। सरकार अपनी अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के योगदान को सुधारने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है और पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया गया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग डीपीआईआईटी द्वारा आयोजित बिजनेस रिफॉर्म एक्शन पॉइंट रैंकिंग में उत्तराखंड शीर्ष राज्यों में से एक है। राज्य की निवेश संवर्धन एजेंसी को इन्वेस्ट इंडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता घोषित किया गया है। हरिद्वार में इनलैंड कनटेनर डिपो (आईसीडी) की स्थापना के लिए प्रयास किये जा रहे है। राज्य ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख क्षेत्रों कृषि, स्वास्थ्य और आयुष, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल एवं एलाइड, पर्यटन और आतिथ्य, हथकरघा और हस्तशिल्प, शैक्षिक सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी पहचान की है। हमारा लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं के निर्यात के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में अनेक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। युवाओं के स्किल डेवलपमेंट हेतु विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिससे युवाओं को एक नया मंच और साथ ही उद्योगों को ऊर्जावान युवा मिल सके। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर भारत बनने की राह पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार मजबूत इच्छाशक्ति से काम कर रही है। देवभूमि उत्तराखंड का संदेश पूरे विश्व में जाता है। राज्य में और अधिक उद्योग स्थापित हों इसके लिये हमारे उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान व निस्तारण के मंत्र को लेकर काम कर रही है। हम उद्योगों से जुड़े लोगों की समस्याओं का सरलीकरण कर समाधान करेंगे और साथ ही उनकी समस्याओं का निस्तारण भी होगा। उत्तराखंड में जितने भी उद्योग स्थापित हुए है, उनकी समस्याओं को दूर कर उन्हें विकास और ग्रोथ के हर अवसर दिए जाएँगे। साथ ही उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार हर संभव मदद करने को तैयार है।
उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज उत्तराखंड दुनिया के तमाम उद्योगपतियों के लिए एक इंडस्ट्रियल डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। हमारी सरकार का देश के तमाम उद्योगपतियों के साथ संवाद जारी है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत छोटे उद्योगों को लगाए जाने का कार्य राज्य में तेजी से हुआ है साथ ही उद्योगों से संबंधित आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर सचिव उद्योग राधिका झा, वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के उप सचिव आनन्द भाष्कर, डीजी एसईपीसी डॉ. अभय सिन्हा, निदेशक उद्योग सुधीर चन्द्र नौटियाल, एक्सपोर्ट कमिश्नर रोहित मीणा एवं उद्योग संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।