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सिर्फ ऋषिकेश ही नहीं, 12 अन्य निकायों को पांच मानकों की परफॉरमेंस के आधार पर नहीं मिली बढ़ी धनराशिः प्रेमचंद

पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुति पर ऋषिकेश नगर निगम को मिली धनराशि के संबंध में कैबिनेट मंत्री व स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल से नगर निगम के पार्षदगणों ने मुलाकात की। उन्होंने कैबिनेट मंत्री से मामले पर विस्तृत जानकारी चाही।

वरिष्ठ पार्षद शिव कुमार गौतम के नेतृत्व में पार्षदों ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से बैराज रोड़ स्थित कैंप कार्यालय में मुलाकात की। मंडल अध्यक्ष दिनेश सती ने कहा कि पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुति पर सभी निकायों को धनराशि मिली है, मगर ऋषिकेश नगर निगम के विषय को लेकर राजनीति की जा रही है। विपक्ष के पार्षद अधूरे जानकारी के बिना ही स्वांग रच रहे है। साथ ही विपक्ष के पास जब कुछ मुद्दा ही नहीं रहा तो वह भी गलत बयानबाजी करके जनता को भ्रमित कर रहा है।

वरिष्ठ पार्षद शिव कुमार गौतम ने कहा कि बीते दिनों से ऋषिकेश नगर निगम के पार्षद व अन्य मीडिया में अर्लगल बयानबाजी कर रहे है, जबकि वास्तविक जानकारी का उन्हें बोध ही नहीं है और कैबिनेट मंत्री को अप्रत्यक्ष रूप से निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है। ऐसे में जनता पर गलत संदेश जा रहा है।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पंचम राज्य वित्त आयोग एक स्वायतशासी संस्था है, जिसकी संस्तुति के आधार पर ही पांच मानकों के रिप्रजेंटेशन पर निकायों को धनराशि दी जाती है। बताया कि स्वायतशासी संस्था होने के नाते समिति की रिपोर्ट पर न ही वित्त विभाग और न ही शहरी विकास विभाग का हस्तक्षेप होता है।

उन्होंने बताया कि सिर्फ ऋषिकेश ही नहीं बल्कि 13 ऐसे निकाय हैं, जिनकी मानकों के आधार पर धनराशि बढ़ा कर नहीं दी गई है, उन निकायों में लोहाघाट, मसूरी, मंगलौर, नरेंद्रनगर, द्वारहाट, लंढौरा, कालाढुंगी, लालकुंआ, महुआ डबरा हरिपुरा, सुल्तानपुर, केलाखेड़ा, दिनेशपुर शामिल हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2019-20 में पांच मानकों के आधार पर 2020-21 में निकायों को धनराशि दी जानी थी। मगर, कोविडकाल के चलते यह धनराशि 2021-22 में दी गई।

जो लोग कोटद्वार के नाम पर र्भ्रांति फैला रहे हैं, उस पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जिन पांच मानकों की परफॉरमेंस के अधार पर धनराशि मिली वह जनसंख्या, क्षेत्रफल, टैक्स व रेवेन्यू, रेलवे स्टेशन व हेट क्वाटर से दूरी और विशेष व्यवस्था है। बताया कि कोटद्वार में जनसंख्या 1 लाख 35 हजार बढ़ी, जबकि ऋषिकेश में 1 लाख 06 हजार ही बढ़ी है। कोटद्वार का 45 वर्ग किलोमीटर जबकि ऋषिकेश का 28 वर्ग किलोमीटर ही क्षेत्रफल बढ़ा है।

उन्होंने बताया कि कोटद्वार का निकाय टैक्स व रेवेन्यु प्राप्त करने में 87 प्रतिशत की माहरथ हासिल की है, जबकि ऋषिकेश का निकाय मात्र 37 प्रतिशत ही टैक्स व रेवेन्यु प्राप्त कर सका है। कहा कि आंकड़ो आधार पर ही कोटद्वार को धनराशि बढ़ा कर दी गई है। कहा कि कोटद्वार में कांग्रेस पार्टी का बोलबाला है, यदि भेदभाव की बात होती तो धनराशि नहीं बढ़ाई जाती।

उन्होंने विपक्ष व अन्य लोगों को अधूरी जानकारी के अभाव में राजनीति न करने का आग्रह किया। कहा कि नरेंद्र नगर, डोईवाला, ऋषिकेश, मुनिकीरेती, स्वर्गाश्रम के ठोस अपशिष्ट कूड़ा निस्तारण के लिए उनके वित्त मंत्री बनने के बाद 33 करोड़ 24 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई। साथ ही बहुमंजिला पार्किंग का कार्य शुरू होने जा रहा है। यही नहीं व्यक्तिगत घरेलू शौचालय के लिए 12 लाख 60 हजार, सामुदायिक शौचालय के लिए एक करोड़ 60 लाख 72 हजार रूपये, सार्वजनिक मूत्रालय के लिए 28 लाख 80 हजार रूपये और आईईसी 16 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। कहा कि यदि भेदभाव की भावना उनके भीतर होती तो कभी भी इस दिशा में कार्य न करते।

इस मौके पर पार्षदों के दल ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का संपूर्ण प्रकरण की जानकारी देने पर आभार जताया।

मुलाकात करने वालों में पार्षद जयेश राणा, शिवकुमार गौतम, वीरेंद्र रमोला, शारदा सिंह, तनु विकास तेवतिया, वीरेंद्र रमोला, राजेश दिवाकर, लव कांबोज, सोनू प्रभाकर, अशोक पासवान, सुजीत यादव, सुमित पंवार आदि शामिल रहे।