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शिक्षकों के बिना राष्ट्र निर्माण संभव नहीं: राज्यपाल

देहरादून।
प्रदेश में शिक्षक दिवस पर जगह-जगह सम्मान समारोह आयोजित कर शिक्षकों को सम्मानित किया गया। राजभवन में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल ने प्रदेश के 26 शिक्षकों को ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड’ से सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि बच्चों और युवाओं को आकार देकर राष्ट्रनिर्माण में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है जिसके बिना देश की प्रगति संभव नहीं है।
गवर्नर्स अवार्ड से सम्मानित श्क्षिकों को शिक्षक दिवस व गणेश चतुर्थी की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह विशिष्ट अवसर देश के उन सभी शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का है जिनके सतत् प्रयासों से देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। शिक्षकों, गुरूआंे का सम्मान हमारे देश की संस्कृति व परम्परा है। इस गौरवशाली परम्परा को बनाये रखना सारे समाज का दायित्व है।101
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक संस्थान, स्कूल, शैक्षणिक ज्ञान से ज्यादा सामाजिक शिक्षा के स्थल हैं। उन्हांेने शिक्षकों का आह्वाहन करते हुए कहा कि वे निरन्तर अपने ज्ञान और कौशल को अद्यतन करते रहें। पढ़ने की आदत डालें, अच्छी पुस्तकों का अध्ययन स्वयं भी करें और बच्चों को भी अच्छी पुस्तकों के अध्ययन के लिए प्रेरित करते रहें। अच्छी पुस्तकें अच्छे व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक होती हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को शिक्षण की उन सभी आधुनिक तकनीकों और विधियों को अमल में लाना चाहिए जो विद्यार्थियों को सीखने में मदद कर सकें। उन्होंने कहा कि ‘‘आज के समय में अधिकांश अभिभावकों के नौकरी पेशा होने के कारण बच्चों को अपेक्षित भावनात्मक सहयोग नहंी मिल पाता ऐसे में शिक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। सूचना तकनीकी के इस आधुनिक युग में शिक्षकों को अपनी भूमिका मार्गदर्शक के रूप में केन्द्रित करनी होगी। विद्यार्थियों को इन्टरनेट में उपलब्ध अथाह जानकारी से दिशाहीन और भ्रमित होने से बचाने के लिए शिक्षकों का दायित्व है कि बच्चों को रचनात्मक सोच और विचारों के लिए प्रोत्साहित करें। न्यूक्लियर फैमिली के इस युग में बच्चे दिग्भ्रमित होकर अपनी जड़ों और संस्कृति से विमुख हो रहे हैं ऐसे में शिक्षकों का यह भी दायित्व है कि वे स्कूलों में ऐसा वातावरण सृजित करें कि विद्यार्थी भारत की गौरवशाली सभ्यता, संस्कृति और मूल्यों की विरासत को आत्मसात कर उन्हें जीवित रख सकें। अच्छा विद्यार्थी वही है जो एक अच्छा इंसान और अच्छा नागरिक बने। शिक्षकों को राष्ट्रनिर्माण के लिए विद्यार्थियों के चरित्रनिर्माण पर विशष ध्यान देना है, मूल्य विहीन शिक्षा निरर्थक है।’’
राज्यपाल ने यह भी कहा कि शिक्षकों को, युवा शक्ति को सही दिशा देते हुए यह सुनिश्चित करना है कि वे राष्ट्रीय उत्थान व पुनर्निर्माण में सहयोग कर सकें। राज्यपाल ने विगत वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष के बेहतर शिक्षा परिणामों से शिक्षा में सुधार की स्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने शिक्षकों पर विश्वास व्यक्त किया कि उनके सहयोग से राज्य में शिक्षा के स्तर में उत्तरोतर वृद्धि होगी। इस अवसर पर राज्यपाल ने देश के पूर्व राष्ट्रपति, चिन्तक, शिक्षाविद् और महान शिक्षक डा0 एस राधाकृष्णन को विनम्र श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षक दिवस व गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षक अपने ज्ञान के माध्यम से दीप श्रंृखला आभासित कर उत्तराखण्ड निर्माण में योगदान कर रहे हैं। गर्वनर्स टीचर्स अवार्ड से सम्मानित किए गए अध्यापकों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सम्मानित होने वाले अध्यापकों में अधिकाश महिलाएं व दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में कार्य कर रहे अध्यापक हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर परिणाम देने वाले अध्यापकों को आदर्श अध्यापक के रूप में लेते हुए दूसरे अध्यापकों को उनका अनुकरण करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इस वर्ष परिणाम में प्राथमिक शिक्षा में 3 प्रतिशत व माध्यमिक शिक्षा में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है इसे 10 प्रतिशत तक ले जाना होगा। हमारे प्रकाश स्तम्भ हमारे शिक्षक हैं। प्रतिस्पर्धी भारत में आगे बढ़ना है तो हमें अपने मानव संसाधन पर अधिक ध्यान देना होगा। मानव संसाधन को संवारने का काम शिक्षक ही कर सकते हैं। राज्य सरकार एक-एक कर शिक्षकों की सभी समस्याओं को दूर कर रही है।
शिक्षा मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी ने कहा कि हमें विश्व गुरू के गौरव को फिर से पाना है तो इसमें शिक्षकों को अहम भूमिका निभानी होगी। हमारा देश ऋषि मुनियों की भूमि रहा है। यहां प्राचीन समय से ही अनेक शोध हुए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्व प्रसिद्ध भारतीय ऋषियों व विद्वानों के नाम से भी पुरस्कार प्रारम्भ किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री ने शिक्षकों को ‘गवर्नर्स अवार्ड’ से सम्मानित किए जाने की परम्परा शुरू करने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया। आज, के समारोह में विद्यालयी शिक्षा के अन्तर्गत राजकीय विद्यालयों के 26 उत्कृष्ट शिक्षक, शिक्षिकाओं को ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड’ के अन्तर्गत प्रत्येक अवार्डी को 10 हजार रूपये की नकद धनराशि, एक प्रशस्ति पत्र तथा महान शिक्षाविद् डा0 एस.राधकृष्णन की पुस्तकें प्रदान की गई। अवार्ड के लिए परिषदीय परीक्षा 2016 के परिणामों के आधार पर श्रेष्ठ शिक्षकों का चयन किया गया।
अपर मुख्य सचिव डा0 रणबीर सिंह ने अथितियों का स्वागत तथा सचिव विद्यालयी शिक्षा विनोद शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। सम्मान समारोह में मंच पर मुख्य सविव शत्रुघ्न सिंह, सचिव राज्यपाल अरूण ढौंडियाल तथा दर्शक दीर्घा में शिक्षा विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य प्रबुद्ध नागरिकों सहित राजभवन के सभी अधिकारी भी मौजूद थे।