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हिमाचल का चुनाव कई संदेश दे गया, अब राज्यों में भी चाहिए योगी और धामी जैसे जिताऊ चेहरे

हिमाचल के नतीजों ने हाईकमान को सोचने में मजबूर कर दिया है कि देश में मोदी के बाद अब राज्यों में भी भाजपा को दमदार चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ना होगा। जैसे यूपी में योगी और उत्तराखंड में धामी को रखकर भाजपा ने सत्ता प्राप्त की। ऐसा हम नही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े सूत्र कह रहे है।
अगर उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन ना हुआ तो 15 सीटों पर सिमट जायेगी भाजपा। कुछ ऐसा ही भाजपा के सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे के बाद हाईकमान में उत्तराखंड में एक नही दो बार परिवर्तन किया। स्वयं पीएम को देवभूमि में हस्तक्षेप करना पड़ा और भाजपा के हाथ में पुष्कर की रिपोर्ट सबसे बेहतर और संगठनात्मक पकड़ वाली साबित हुई। कहा जाये कि अगर पीएम मोदी चुनाव से पहले पुष्कर को सीएम बनाने का दूरदर्शी फैसला न करते तो उत्तराखंड में भी होते हिमाचल जैसे हालात होते। पीएम मोदी के मंत्र को आमजन तक पहुंचाने में कामयाब रहे सीएम पुष्कर धामी भले ही चुनाव हारे लेकिन सत्ता दिलाने में कायाब रहे। हालांकि आज भी उन्हें वह लॉबी नही चपा पा रही है जो उत्तराखंड में भय, भ्रष्टाचार और अनैतिक कार्यों में लिप्त रही। हर राह में रोड़े अटका कर उनके लिए आसान राह को भी कठिन और चुनौती पूर्ण किया जा रहा। लेकिन अपनी मुस्कान की तरह ही अकेले योद्धा की तरह लड़ कर विजय हासिल कर रहे धामी। कहा जाये तो पीएम मोदी के बाद राज्य में सबसे अधिक लोकप्रिय नेता बन चुके है आज धामी।
फिर लौटते है हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजों में जिसने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत का भी राज खोल दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले दूरदर्शी फैसला लेते हुए सीएम के रूप में युवा तुर्क पुष्कर धामी को कमान सौंपी। इस युवा सीएम ने भी रात दिन की अथक मेहनत कर पीएम मोदी के चेहरे, उत्तराखंड को लेकर पीएम मोदी के किए गए काम को घर घर तक पहुंचाया। कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ ही जनता में भी विश्वास कायम किया। उत्तराखंड में भाजपा की प्रचंड जीत इसी मेहनत का नतीजा है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का कैडर बेदम हो चुका था। ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन, जल जीवन मिशन समेत केंद्र की तमाम योजनाओं के बावजूद जनता में जोश गायब था। जनता के इसी मूड को केंद्रीय नेतृत्व ने समय रहते भांप लिया। सीएम के रूप में मौका पहले तीरथ सिंह रावत को दिया, लेकिन उन्हें तत्काल बदल केंद्र ने युवा नेतृत्व के रूप में पुष्कर सिंह धामी को जुलाई 2021 में मौका दिया। सीएम के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने भी सबसे पहले उत्तराखंड को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को उत्तराखंड के जन जन तक पहुंचाया। कार्यकर्ताओं, पार्टी कैडर में जोश भरा।
महज छह महीने के भीतर पूरे उत्तराखंड के गांव गांव को एक सिरे से नाप दिया। पार्टी के ही तमाम बड़े नेता जहां भाजपा की सीटों का आंकड़ा बामुश्किल दहाई के अंक तक पहुंचने के दावे कर रहे थे, उन्हीं दावों को खारिज करते हुए पीएम मोदी और सीएम पुष्कर धामी की जोड़ी ने प्रचंड जीत दिलाई। अब हिमाचल के नतीजों को देख कर केंद्रीय नेतृत्व को समझ आ गया है कि यदि जुलाई 2021 में पीएम नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में सीएम के रूप में पुष्कर का चुनाव न करते, तो उत्तराखंड में भी हिमाचल जैसे हालात तय थे। क्योंकि उत्तराखंड में हालात हिमाचल से अधिक विकट थे। लगातार एक के बाद एक सीएम बदलने से जनता के मन में उपजे अविश्वास को विश्वास में बदलने की एक बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती से सीएम पुष्कर धामी ने मोदी मंत्र के जरिए पार पाने में सफलता हासिल की।
जुलाई 2021 से लेकर मतदान होने तक सीएम पुष्कर धामी ने 70 विधानसभाओं को कई कई बार नापा। पूरे राज्य में भाजपा का माहौल बनाने और कमजोर सीटों को जीत में बदलने के लिए वे अपनी खटीमा विधानसभा सीट को भी अधिक समय नहीं दे पाए। दूसरी ओर खटीमा सीट पर पार्टी के ही कई दिग्गज एक के बाद एक नया षड़यंत्र रचते रहे। नेताओं का फोकस खटीमा में भाजपा को जिताने से अधिक हराने पर रहा। पार्टी संगठन के तमाम बड़े दिग्गज, कैबिनेट मंत्री अपनी सीटों से बाहर ही निकल पाए। बड़े नेताओं ने प्रदेश में भ्रमण करना तो दूर अपनी बगल की सीटों तक पर झांकने की जहमत नहीं उठाई।
उत्तराखंड की इस अंदरुनी हकीकत से पीएम नरेंद्र मोदी भली भांति वाकिफ रहे। यही वजह है, जो चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद सीएम के रूप में पीएम मोदी की पहली पसंद सीएम पुष्कर सिंह धामी ही रहे। पीएमओ के इंटेलीजेंस को पूरी खबर थी कि जिस चुनाव को उत्तराखंड के भाजपा नेता हारा हुआ मान कर चल रहे थे, उसकी जीत के असल नायक पुष्कर ही हैं। पुष्कर ही रहे, जिन्होंने पीएम मोदी के विकास मंत्र को उत्तराखंड के जन जन तक पहुंचाया। अब हिमाचल के नतीजों ने भी साफ कर दिया है कि उत्तराखंड में भाजपा की प्रचंड जीत ऐसे ही नहीं मिली। ऐसे में अब उत्तराखंड में सीएम पुष्कर धामी की राह में कांटे बिछाने वालों के लिए समय आसान नहीं रहने वाला है।
मोदी द्वारा दिए गए दो मंत्र मेहनत और ईमानदारी को धरातल पर उतारने में धामी कामयाब रहे। इसी वजह से प्रधानमंत्री ने अपने केदारनाथ और बद्रीनाथ के दौरे पर धामी के काम काज की तारीफ भी की।