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धामी की सहमति मिलने के बाद महेन्द्र भट्ट को मिली प्रदेश अध्यक्ष की कमान

निकाय और 2024 लोकसभा चुनावों से पहले उत्तराखंड बीजेपी में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। बीजेपी आलाकमान ने उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की जगह पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट को बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने युवा नेता महेंद्र भट्ट को उत्तराखंड के नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया। विधानसभा चुनाव के बाद से ही उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे में बदलाव के कयास लगाये जा रहे थे। इस बदलाव को लेकर बड़ी बात यह निकलकर आ रही है कि भट्ट की नियुक्ति को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी की सहमति बड़ा फैक्टर रही।
साल 1971 में चमोली के थाला पोखरी गांव में जन्मे महेंद्र भट्ट बीजेपी युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। साथ ही दो बार विधायक भी रहे हैं। महेंद्र भट्ट का संबंध बदरी केदार मंदिर समिति से भी रहा है इसलिए पार्टी को लग रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनकी ताजपोशी का असर पूरे गढ़वाल में देखा जाएगा। बीजेपी सूत्रों की मानें तो भट्ट के नाम पर सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी कोई ऐतराज नहीं था क्योंकि भट्ट उनके ही समकक्ष नेता हैं। दो हमउम्र नेता सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल बना सकते हैं।
वहीं, माना जा रहा है कि भविष्य में होने वाले कैबिनेट विस्तार में बीजेपी मदन कौशिक को कैबिनेट में जगह दे सकती है, जिससे सरकार में हरिद्वार जैसे महत्वपूर्ण जिले का बड़ा प्रतिनिधित्व हो सके। मदन कौशिक को एक तेज तर्रार किस्म का प्रशासक माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी उनका उपयोग सरकार में करना चाहती है।

इन समीकरण के तहत मिली भट्ट को कमान?
दरअसल पुष्कर धामी के मुख्यमंत्री बनने और मदन कौशिक के प्रदेश अध्यक्ष होते हुए बीजेपी के भीतर ही गढ़वाल की अनदेखी की बात उठ रही थी। जिसके बाद गढ़वाल के पहाड़ी इलाके के किसी नेता को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की चर्चा तेज थी। बीजेपी की रणनीति गढ़वाल और कुमाऊं के साथ ही जातीय समीकरण साधने की भी रही क्योंकि धामी कुमाऊं से आते हैं और राजपूत हैं। मदन कौशिक गढ़वाल मंडल के मैदानी इलाके से जुड़े ब्राह्मण थे। कौशिक का पूरे गढ़वाल में उतना प्रभाव नहीं था इसलिए बीजेपी ने गढ़वाल के ब्राह्मण महेंद्र भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बड़ा दांव खेला। महेंद्र भट्ट की उम्र भले ही 51 साल की हो लेकिन उनका राजनीतिक अनुभव कम नहीं है। उनकी छवि एक तेजतर्रार हिंदूवादी नेता की है। एबीवीपी से लेकर बीजेपी युवा मोर्चा और बीजेपी के मुख्य संगठन में काम करने का उनका लंबा अनुभव है। भट्ट साल 1991-96 तक बीजेपी की स्टूडेंट विंड एबीवीपी में सक्रिय रहे। साल 1997 से 2002 तक बीजेपी युवा मोर्चा में प्रदेश महामंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे।
2002 में पहली बार महज 32 साल की उम्र में भट्ट नंदप्रयाग से विधायक चुने गए। साल 2007-10 और 2014 से 2017 तक दो बार भट्ट बीजेपी के प्रदेश मंत्री रहे। 2010-12 तक भट्ट को दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाया गया। 2017 में भट्ट बद्रीनाथ से विधायक चुने गए। लेकिन 2022 का चुनाव हार गए. हार के बावजूद अपने इलाके और सोशल मीडिया पर वह लगातार सक्रिय रहे।
वहीं, पूर्व विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट के भारतीय जनता पार्टी के नये अध्यक्ष बनने पर वित्त व संसदीय कार्यमंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दूरभाष पर अपनी शुभकामनाएं दी।
शनिवार को नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होने के बाद मंत्री डॉ अग्रवाल ने बधाई दी। कहा कि श्री भट्ट जी के कुशल नेतृत्व में पार्टी आगे बढ़ेगी। बताया कि महेंद्र भट्ट गढ़वाल और कुमाऊं के लोकप्रिय नेता हैं। उसी का लाभ श्री भट्ट को मिला। बताया कि पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट 1991 से 1996 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सह सचिव रहे। डॉ अग्रवाल ने कहा कि भट्ट के दिशा निर्देश पर पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। युवाओं को आगे बढ़ने में प्रेरणा मिलेगी।

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