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हजारों की संख्या के बीच शहीद विकास गुरूंग ने ली अंतिम विदाई

भारत माता का वीर सपूत विकास गुरूंग की अंत्येष्टि सोमवार को हो गयी। इस बहादुर जवान की अंतिम यात्रा में हर कोई शामिल हुआ। हजारों की तादात में तीर्थनगरी के लोगों ने हर पचास कदम की दूरी पर शहीद विकास गुरूंग की अंतिम यात्रा में पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पूर्व सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल सहित अन्य लोगों ने शहीद विकास गुरूंग की शहादत पर शोक प्रकट किया।

शनिवार को जम्मू-कश्मीर में नौशेरा के लाम सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलाबारी में 21 गोरखा रायफल में तैनात गुमानीवाला निवासी रायफलमैन विकास शहीद हो गए थे। 21 वर्षीय शहीद का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक आवास पहुुंचा था, तभी से वहां श्रद्धांजलि देने वालों को तांता लगा हुआ था। सोमवार सुबह सेना के जवानों ने शहीद के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

शहीद विकास गुरूंग को पूर्णानदं घाट पर 24 फील्ड रेजीमेंट के जवानों ने हवा में 32 राउंड फायर कर सशस्त्र सलामी दी। गंगा घाट पर शहीद जवान का लामा रीति से अंतिम संस्कार किया गया। पिता रमेश गुरुंग ने बेटे को मुखाग्नि दी। घाट पर विधानसभा अध्यक्ष, सेना के अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों ने शहीद को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इसे पहले सुबह करीब नौ बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद के घर पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास गुरुंग की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी। ऐसे वीरों के कारण ही हमारा देश सुरक्षित है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शहीद विकास की स्मृति में द्वार बनाने, उनकी एक आदमकद मूर्ति स्थापित करने और गुलरानी फार्म का नाम शहीद के नाम पर करने की घोषणा की।

सड़कों पर राजनीति नहीं, देशभक्ति दिखी

शहीद विकास गुरूंग की अंतिम या़त्रा में राजनैतिक संगठनों ने भी शिरकत की। मगर, राजनीति के लिये नहीं बल्कि देशभक्ति की भावना उन्हें एक साथ ले आयी। शहीद की विदाई यात्रा में हर पचास कदम की दूरी पर व्यापारी ने अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद कर शहीद को श्रद्धांजलिद अर्पित की। शहीद विकास के सम्मान में देश भक्ति के गीत चल रहे थे। यह देश भक्ति ही थी जो लोगों को भीषण गर्मी में घर से बाहर सड़क तक ले आयी।

सभी वर्ग के लोगों ने दी नम आंखों से विदाई

शहीद की अंतिम यात्रा में क्या बच्चे, क्या बुढ़े और क्या जवान इन सभी के साथ सैकड़ों की संख्या में महिलायें भी चल रही थी। शहीद के घर से लेकर पूर्णानंद घाट तक सभी ने भारत माता की जय जैसे नारे के साथ शहीद जवान को अपनी-अपनी श्रद्धांजलि दी।