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चिल्ड्रन होम अकादमीः पीएमओ भी जता चुका है धर्मांतरण की आशंका

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने रानीपोखरी स्थित चिल्ड्रन होम अकादमी में धर्मांतरण का खुलासा करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में पीएमओ भी यहां धर्मांतरण की आशंका जता चुका है। 2017 में उसकी ओर से पत्र जारी कर जांच आख्या भी तलब की गई थी। उन्होंने कहा कि अब इसी को आधार बनाकर मामले की दोबारा से छानबीन की सिफारिश पीएमओ से की जाएगी।

आयोग अध्यक्ष के मुताबिक डीएम देहरादून के निर्देश पर गठित की गई जांच समिति ने एकेडमी में धर्मांतरण की गतिविधियां संचालित होना पाया है। ऐसे में इस आशंका को बल मिलता है कि एकेडमी में काफी समय से धर्मांतरण की गतिविधियां संचालित हो रही थीं। उन्होंने बताया कि पीएमओ के निर्देश पर हुई जांच की फाइल दोबारा खुलवाने की सिफारिश आयोग करेगा।

वासु की मौत का कारण फूड प्वाइजनिंग बताया था
बाल आयोग उस अस्पताल को भी जांच के दायरे में लाएगा, जिसने वासु की मौत का कारण फूड प्वाइजनिंग बताया था। आयोग अध्यक्ष के मुताबिक डीएम की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद अस्पताल के खिलाफ भी जांच की सिफारिश की जाएगी।

उन्होंने एकेडमी में अवैध रूप से संचालित हो रहे कब्रिस्तान की गहन छानबीन कराए जाने की सिफारिश की भी बात कही। आशंका जाहिर की कि एकेडमी में निठारी कांड जैसी साजिश का खुलासा हो सकता है।

जांच रिपोर्ट पर अब तक कार्रवाई न होने से नाराज
आयोग अध्यक्ष ने लोकल इंटलीजेंस यूनिट (एलआईयू) और स्थानीय पुलिस द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट में एकेडमी को क्लीन चिट देने पर भी सवाल उठाया। कहा कि किस आधार पर जांचकर्ताओं ने एकेडमी को दोषमुक्त करार दे दिया, इस पर दोबारा पड़ताल करवाई जाएगी।

बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी वासु हत्याकांड में अधिकारियों के रुख और जांच रिपोर्ट आने के बाद अब तक कोई कार्रवाई न होने से खफा हैं। वह भी तब, जबकि अवैध कब्रिस्तान, हॉस्टल और धर्मांतरण की गतिविधियां संचालित होने जैसे जिन बिंदुओं पर आयोग ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, वह डीएम के आदेश पर हुई जांच में भी सही पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट स्वतरू आयोग को भी उपलब्ध करवाई जानी चाहिए थी।

मामला यह था
बीती 10 मार्च को एकेडमी में 12 वर्षीय वासु की बेरहमी से पिटाई की गई थी। 11 मार्च को उसकी मौत की पुष्टि हुई। इसका संज्ञान बाल संरक्षण आयोग ने लिया और मामले की जांच की सिफारिश की।

इसी क्रम में डीएम देहरादून एसए मुरुगेशन के निर्देश पर एसडीएम ऋषिकेश प्रेमलाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा पैन्यूली और प्रोविजन अधिकारी मीना बिष्ट को संयुक्त रूप से जांच करने का आदेश दिया था। जांच रिपोर्ट डीएम देहरादून को सौंपी गई है।