छात्र नव भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाएः नायडू

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि छात्र नवभारत के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत अपना परचम लहरा रहा है। उन्होंने कहा कि सर्वधर्म समभाव व सबका साथ, सबका विकास की भावना ही सच्ची देशभक्ति है। उपराष्ट्रपति ने यह बात इफ्काई यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान अपने संबोधन में कही। इस दौरान उन्होंने एमबीए, बीटेक, बीबीए, एलएलबी व बीएड के स्नातकों को आठ गोल्ड, आठ सिल्वर मेडल प्रदान किये।

उन्होंने उपाधि धारक छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आज दुनिया, सूचना तकनीकि के कारण ग्लोबल विजेल में सिमट रही है। समन्वय, सहयोग व प्रतिस्पर्धा की भावना हो। हमारा लक्ष्य उत्कृष्टता व कार्यक्षमता में सुधार होना चाहिए। आज दुनिया बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है और कड़ी प्रतिस्पर्धा है। एलपीजी का युग है अर्थात लिबराईजेशन, प्राईवेटाईजेशन व ग्लोबलाईजेशन।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज छात्रों के समक्ष अनेक अवसर होने के साथ ही अनेक चुनौतियां भी हैं। विश्वविद्यालयों को इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए छात्रों को शिक्षा देनी चाहिए। भारत दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह हमारे लिए गौरव की बात है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सुधारों को ठोस तरीके से लागू कर रहे हैं। कई तरह की चुनौतियां आती हैं, और इन पर विजय भी प्राप्त की जाती है।

राज्यपाल डॉ कृष्ण कांत पाल ने कहा कि विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण, क्लास रूम में होता है और वही से राष्ट्र निर्माण भी होता है। हमारी शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों को विभिन्न सम-सामयिक चुनौतियों में सकारात्मक भूमिका निभानी होगी, जिससे यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी मजबूती से अपने पैरों पर खड़े हो सकें तथा दुनिया का सामना करें।

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ये अवसर स्नातकों को अपनी दीक्षा व शिक्षा को पूर्णकर दीक्षांत के बाद जीवन के गंतव्य की ओर बढ़ने का है। ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती, यह केवल एक पड़ाव है, जहां आप अपनी शिक्षा पूरी करके जा रहे हैं। इसलिए आपके सामने समाज के लिए कुछ करने और योगदान देने की बड़ी अहम जिम्मेदारियां हैं। किसी भी प्रकार का ज्ञान तभी मूल्यवान है, जब वह इस पृथ्वी पर मनुष्यमात्र के कल्याण व विकास का साधन बनता है। हमारे प्राचीन गंथों में ज्ञान को महत्वपूर्ण बताता गया है। आज का युग तकनीक का युग है, इसलिए नित नए परिवर्तनों के अनुसार खुद को ढालने के लिए आप तैयार रहें।