पीएम मोदी ने वीडियों कांफ्रेसिंग से साधकों को साधा

ऋषिकेश।
परमार्थ निकेतन गंगातट पर आयोजित इंटरनेशनल योग महोत्सव में पीएम ने कहा कि महान विचारक मैक्समूलर ने कहा था कि भारत ही ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा मस्तिष्क का विकास हो सकता है क्योंकि मानसिक समस्याओं का समाधान भी वहीं मिलता है। सबसे सफल व्यक्तियों जिनका आत्म साक्षात्कार हुआ, भारत में ही संभव हो पाया। उन्होंने कहा योग व्यक्तियों को जोड़ने का विधान है। परिवार, समाज, अपने साथी के साथ एकता ही योग है। व्यक्ति से समष्ठि तक, मैं से हम तक, अहं से वयं तक का भाव विस्तार ही योग है। यह शक्ति आत्मा एवं मन की भावना तक की यात्रा है। योग को मात्र, शरीर को चुस्त रखने तक सीमित रखना उचित नहीं है। योग से शांति, सांत्वना, संतोष और करुणा भी प्राप्त होती है। उन्होंने कहा विश्व आज दो मुख्य समस्याओं का सामना कर रहा हैं आंतकवाद एवं जलवायु परिवर्तन। इसके लिए दुनिया भारत की ओर तथा योग की ओर सास्वत समाधान पाने के लिए देख रही है। पीएम मोदी ने पूज्य स्वामी के प्रयासों से निर्मित हिन्दू धर्म विश्वकोश को अमूल्य धरोहर और विश्व की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा जब इसका अनुवाद विश्व की दूसरी भाषाओं में होगा तो देश में बड़े पैमाने पर जागरूकता आएगी। उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के निर्देशन एवं संरक्षण में परमार्थ निकेतन की ओर से स्वच्छता, जल, नदी संरक्षण एवं हरीतिमा संवर्धन के कार्यों की प्रशंसा की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा, ’हम आशा करते हैं कि आगामी अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पीएम नरेन्द्र मोदी जी स्वयं हमारे साथ होंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनके ही प्रयासों का प्रतिफल है कि आज योग विश्व में अधिकारिक रूप से प्रतिष्ठत है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि योग करो, रोज करो, मौज करो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विडियो कन्फ्रेन्स के माध्यम से संबोधित करने के बाद परमार्थ गंगा घाट योगी-मोदी, आई लव मोदी को नारों से गुंजायमान होने लगा। प्रतिभागी अपने हाथों में रुद्राक्ष के पौधे लेकर उन्हें भेंट करने के लिए उत्सुक थे।