स्वयं की सुरक्षा के इंतजाम नहीं, बचा रहे लोगों की जिंदगी

ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर गंगा में डूबने से बचाने के लिए 40वीं वाहिनी पीएससी की ई कंपनी तैनात है। लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात इन जवानों के पास खुद के बचाव के बुनियादी उपकरण नहीं हैं। हालात यह है कि लोगों को बचाने में इन जवानों को सड़ चुके लाइफ जैकेट के सहारे गंगा की लहरों जूझना पड़ रहा है।

ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर प्रतिदिन करीब 15 से 20 हजार लोग गंगा स्नान, पितृ तर्पण के लिए पहुंचते हैं। इस घाट पर प्रतिदिन टिहरी डैम से पानी भी छोड़ा जाता है। इससे यहां पानी का बहाव बढ़ जाता है। कई बार गंगा स्नान के दौरान लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। किसी भी अप्रिय घटना से बचाने के लिए इस घाट पर उत्तराखंड पुलिस की एक जल चौकी भी है। यहां नौ जवान हर समय मुस्तैद रहते हैं, लेकिन गंभीर बात यह है कि इन जवानों के पास जरूरी सुरक्षा उपकरण नहीं हैं। वर्ष 2010 में मिलीं लाइफ जैकट अभीतक बदली नहीं गई हैं। फिलवक्त लाइफ जैकेट की हालात काफी खराब हो चुकी है। जैकेट के अंदर का फॉम गल चुका है। सिलाई उधड़ चुकी है। अमूमन लाइफ जैकेट की मियाद दो साल होती है। इसके बाद निष्प्रयोज्य मान ली जाती है। बहरहाल यात्रियों के साथ किसी दुर्घटना की स्थिति में जल पुलिस के जवानों को इन्हीं सड़ चुकीं लाइफ जैकेट के सहारे गंगा की लहरों से जूझना पड़ता है। जल पुलिस के हेड कांस्टेबल मदन सिंह चौहान ने बताया कि जल चौकी पर नौ जवान हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान जवानो की संख्या बढ़ाई जाती है।

यह सामान है उपलब्ध
सामान संख्या
लाइफ जैकेट्स 12
लाइफ ब्वाय 02
थ्रो बैग 02
सर्चिंग कांटा 02
साइकिल 02

इन सामानों की है दरकार
सामान संख्या
लाइफ जैकेट्स 10
लाइफ बाय 03
थ्रो बैग 03
सर्चिंग कांटा 02
राफ्ट 01
डीप डाइवर 01
40वीं वाहनी पीएससी ई-कंपनी के कंपनी कमांडर वीरेन्द्र सिंह चौहान का कहना है कि विभागीय मुख्यालय देहरादून को जरूरी उपकरणों की सूची भेजी गई है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर राफ्ट हरिद्वार तथा मुनिकीरेती कार्यालय से रेस्क्यू के लिए भेजी जाती है।