ऋषिकेशः स्वामी रामकृपालुदास का हुआ साकेतवास, अंतिम दर्शन को उमड़े अनुयायी

श्रीभरत मिलाप आश्रम, मायाकुण्ड, ऋषिकेश के प्रणेता सन्तप्रवर यथानाम तथागुण से परिपूर्ण मधुरभाषी वयोवृद्ध भगवद्भक्तिभूषण स्वामी रामकृपालु दास महाराज का 81 वर्ष की अवस्था में साकेतवास हो गया।

बीते रोज वह उच्चरक्तचाप से प्रभावित थे, उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। जहा आज सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उनका साकेतवास हो गया। तदुपरान्त वैष्णवसन्त समाज के महनीय सन्त-महापुरुषों और महाराजश्री के शिष्यों के परस्पर निर्णय से भगवन्नाम संकीर्तन के साथ उन्हें रामानन्द घाट, मायाकुण्ड, भगवतीगङ्गा जी के तट पर, महाराज जी के परमस्नेही श्रद्धेय गोपाल बाबा जी के द्वारा वैष्णसम्प्रदाय के विधान के अनुसार महाराजश्री का दाह-संस्कार किया गया। विरक्त वैष्णव मंडल ऋषिकेश एवं समस्त संत समाज गुरु मां आनंदमूर्ति मां की देखरेख में महाराज सिंह का दाह संस्कार संपन्न हुआ महाराज की अंतिम यात्रा में देश-विदेश एवं भारत से सभी भक्तों ने अपनी संवेदना प्रकट की महाराज के अचानक जाने से पूरे संत समाज विरक्त समाज प्रभु प्रेमी भक्तों में दुख की लहर छा गई।

इस अवसर पर महामण्डलेश्वर परमश्रद्धेय वन्दनीय अभिरामदास महाराज, ब्रह्मपुरी से पधारे महामण्डलेश्वर दयाराम महाराज, सुरेशदास महाराज, के ज्येष्ठ गुरुभाई , महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, महामंडलेश्वर दया राम दास महाराज, रामानुजाचार्य गोपालाचार्य, महंत लोकेश दास, सीताराम दास, पुजारी वृंदावन दास स्वामी शंकर तिलक महाराज, परमानंद महाराज, श्यामाचरणदास महाभाग, पंडित रवि शास्त्री, हरियाणा से पधारी गुरुमाँ देवी शिष्या साध्वी माँ जी, संत सीतारामदास, लखनऊ से पधारे आचार्य अरविन्द, डा० बीके वर्मा, रोहित मिश्र, ब्रह्मचारी पं० दीपक देव, रमाकांत भारद्वाज, अभिषेक शर्मा, राम चैबे, जितेंद्र अग्रवाल, संदीप गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मेयर अनिता, आदि देश के अनेक प्रान्तो से पधारे महाराज के प्रेमी और शिष्यगणों ने उन्हें अपनी भावभीनी विदाई दी।