हक की मांग को लेकर तहसील में प्रदर्शन

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16 साल से कर रहे हैं भूमिधरी का अधिकार देने की मांग
25 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं विस्थापित
ऋषिकेश।
मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में टिहरी बांध प्रभावित पशुलोक धरना स्थल पर एकत्रित हुए और रैली के रूप में आईडीपीएल होकर तहसील पहुंचे। यहां विस्थापित समन्वय विकास समिति पशुलोक के अध्यक्ष हरि सिंह भंडारी ने कहा कि टिहरी जनपद के एक दर्जन गांवों के तीन हजार पुनर्वासित परिवार वर्ष 2000 में पशुलोक में बसाए गए थे, लेकिन 16 साल बाद भी विस्थापितों को भूमिधरी का अधिकार नहीं मिल पाया है। विस्थापित 25 जुलाई से पशुलोक में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सचिव जगदमा रतूड़ी ने कहा कि क्षेत्र को राजस्वग्राम का दर्जा नहीं मिलने से विस्थापित सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। प्रमाण-पत्र ना बनने से उनके बच्चों को रोजगार के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा जल्द से जल्द क्षेत्र को भूमिधरी का अधिकार देने की मांग की।

वनभूमि भी है भूमिधरी में रोड़ा
वनभूमि के चलते भी भूमिधरी का अधिकार मिलने में परेशानी आ रही है। पुनर्वास निदेशालय की लापरवाही एवं शासन की अनदेखी के चलते भूमिधरी का अधिकार नहीं मिल पाया है। जबकि 2005 में मुख्य संरक्षक वन ने पुनर्वास निदेशालय को शासन स्तर पर आदेश जारी करवाने को कहा था, लेकिन शासन की अनदेखी के चलते समस्या का निदान नहीं हो पाया है।