विश्व वानिकी दिवस पर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

ऋषिकेश।
स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तभी पृथ्वी पर जीवन सुरक्षित रहेगा। उन्होंने विदेशी मेहमानों को पर्यावरण सरंक्षण का महत्व बताया और उनके साथ नीलकंठ पैदल मार्ग पर अभियान चलाकर क्षेत्र से कूड़ा करकट एकत्र किया। विदेशी नागरिकों को स्वामी चिदानंद मुनि ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी दिलाया। उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में बताया कि राज्य का 60 प्रतिशत भूभाग वन आच्छादित है। राज्य देश में प्राणवायु देने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने हरित शवदाह की वकालत की। कहा कि गोबर और कंडे से शवदाह किया जाना चाहिए जिससे वनों की अंधाधुंध कटान पर रोक लगाई जा सके।
सफाई अभियान के इस कार्यक्रम में साध्वी भगवती ने भी अपने विचार रखे। बोलीं, वृक्ष प्राणवायु का स्रोत है। शु़द्ध वायु है तो भावी पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित है। हमें आने वाली पीढ़ियों को बेहतर और स्वस्थ जीवन देने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण करना चाहिए। मौके पर अमेरिका की लौरा प्लम्ब, लौरी, एलिस, जीना, हवाईद्वीप की आनन्द्रा जार्ज, चीली की सुजी, कनाडा की तारा, लंदन से विनोद, नन्दिनी त्रिपाठी, स्वामिनी आदित्यनन्दा, संदीप, दिलीप, दीपक, डॉ. एमएम स्वामी व परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमार उपस्थित थे।