रामनाथ कोविंद की ऐतिहासिक जीत, पीएम ने खिलाया लड्डू

रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति चुने गए। रामनाथ कोविंद को 7 लाख 2 हजार 44 वोट और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को 3 लाख 67 हजार 314 वोट मिले। राष्ट्रपति चुने जाने के बाद रामनाथ कोविंद ने कहा कि गरीबी से उठकर कच्चे घर में पलकर आज यहां तक पहुंचा हूं। राष्ट्रपति भवन में ऐसे गरीबों का प्रतिनिधि बनकर जा रहा हूं।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया।
प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ रामनाथ कोविंद से मिलने 10 अकबर रोड पहुंचे। प्रधानमंत्री ने गुलाब का फूल देकर और गले में साफा डालकर उनका सम्मान किया। रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग से मिला प्रमाण पत्र भी दिखाया। प्रधानमंत्री मोदी ने रामनाथ कोविंद के साथ अपने रिश्तों की मजबूती दिखाने के लिए 20 साल पुराना फोटो और बीस साल बाद का बिल्कुल नया फोटो ट्वीट किया है। बीस साल पहले की फोटो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामनाथ कोविंद के साथ एक शादी समारोह में नजर आ रहे हैं। इस फोटो के साथ प्रधानमंत्री ने लिखा, ”बीस साल पहले और वर्तमान।

मीरा कुमार ने बधाई दी
मीरा कुमार ने रामनाथ कोविंद को बधाई देते हुए कहा, मैं नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बधाई देती हूं. अब उन पर संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। मैं वोट देने वाले हर व्यक्ति को शुक्रिया करती हूं। जिस विचारधारा की लड़ाई लड़ने के लिए मैंने चुनाव लड़ा वो आज 20 जुलाई 2017 को खत्म नहीं हुई है, ये लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।

रामनाथ को याद आया गांव और बचपन
जीत के बाद राम नाथ कोविंद ने कहा, आज के चुनाव के लिए सभी का धन्यवाद करता हूं। सांसदों और विधायकों ने मुझ पर भरोसा जताया इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं। विपक्ष की उम्मीदवार रहीं मीरा कुमार जी को शुभकामनाएं देता हूं। जिस पद का गौरव डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णण, अब्दुल कलाम और प्रणव मुखर्जी जैसे विद्वानों ने बढ़ाया है उस पद के लिए चुना जाना मुझे बड़ी जिम्मेदारी का अहसास दिला रहा है। निश्चित रूप से मेरे लिए ये भावुक क्षण है।
कोविंद ने कहा, ”आज दिल्ली में सुबह से बारिश हो रही है। ये बारिश मुझे मेरे बचपन की याद दिला रही है। मैं अपने पैतृक गांव में रहता था, घर कच्चा था मिट्टी की दीवारें थीं। फूस की छत थी जिससे पानी टपकता था। उस वक्त हम सब भाई बहन दीवारे के सहारे खड़े होकर बारिश रुकने का इंतजार करते थे। कोविंद ने कहा, ”आज देश में कितनी राम नाथ कोविंद होंगे जो खेत में काम कर रहे होंगे और पसीना बहा रहे होंगे। मुझे उन लोगों से कहना है कि परौंख गांव का रामनाथ कोविंद उन्हीं का प्रतिनिधि बनकर जा रहा है। इस पद पर चुना जाना ना मैंने कभी सोचा था और ना कभी ऐसा लक्ष्य था।