प्राईवेट स्कूलों की दंबगई के आगे घुटने टेकने को मजबूर अभिभावक

गौतम जोशी।
पुरे देश में प्राईवेट स्कुलो कि दंबगई और मनमानी चरम पर है। प्राईवेट स्कुलो ने अपने आय के साधन बढाने के लिए विद्यालय में पढने वाले विद्यार्थीयो को अपना मोहरा बना रखा है जिसकी कि आड में प्राईवेट स्कुल काफी मोटा मुनाफा कमा रहे है।किताबो और ड्रेस के माध्यम से अभिभावको से हजारो रूपये कि रकम ठगी जा रही है। विरोध करने पर उनके बच्चो को स्कुलो से निकाला जाता है। अपने बच्चे के अच्छे भविष्य के कारण अभिभावको को ये प्राईवेट स्कुलो का जुल्म सहना पडता है।
प्राईवेट स्कुलो कि मनमानी कि सिकायते लगातार प्रशासन और शासन से लगाई जा रही है।जिसको गम्भीरता से लेते हुए आज उपजिलाधिकारी कोटद्वार ने खण्ड शिक्षा अधिकारी के साथ मिलकर दुगडडा ब्लाक के सभी प्राईवेट स्कुलो के साथ वार्ता रखी जिसमें उपजिलाधिकारी और खण्ड शिक्षा अधिकारीयो ने प्राईवेट स्कुलो को सख्त हिदायत दि कि फीस वृद्धी,ड्रेस और डेवल्पमेंट चार्ज कि शिकायते नही आनी चाहीए। इस दौरान उपजिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालय का नया स़़त्र सुरू हो गया है और लगातार अभिभावको के द्वारा शिकायते आ रही थी कि प्राईवेट स्कुल मनमानी कर रहे है। फीस वृद्धी कि जा रही है और साथ ही स्कुलो कि ड्रेस और किताबे विद्यालय से ही मिल रही थी जिसको लेकर प्राईवेट स्कुलो के साथ वार्ता कि गई जिसमें स्कुलो कि हिदायत दि गई कि वह एसएमसी का गठन करे। एसएमसी का गठन होने से विद्यालयो कि मनमानी पर लगाम लगेगी।उपजिलाधिकारी और खण्ड शिक्षा अधिकारी ने तीस अप्रेल तक किसी भी हालात में एसएमसी गठन करने के आदेश दिये है। अगर विद्यायल निर्धारित समय पर एसएमसी का गठन नही करते है तो वि़द्यालय के विरूद्ध विधिवत कार्यवाही कि जायेगी।