प्राइवेट पैथोलाजी लैब में जांच के नाम पर मनमानी वसूली

ऋषिकेश।
शहर और आसपास क्षेत्रों में लगातार डेंगूए मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज सामने आ रहे हैं। सरकारी अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज कराने को भारी भीड़ है। डाक्टर ज्यादातर मरीजों को डेंगूए मलेरियाए टाइफाइड और चिकनगुनिया की जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। वहीं कुछ मरीज खौफ के चलते खुद भी ब्लड की जांच करा रहे हैं। सरकारी अस्पताल में सुविधाओं के अभाव है। ऐसे में प्राइवेट लैब संचालकों की मौज हो रही है। लोगों की शिकायत है कि ब्लड जांच के नाम पर प्राइवेट लैब मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। मरीज अधिक शुल्क देने को मजबूर हैं। डेंगू रैपेड किट जांच सरकारी अस्पताल में निशुल्क होती है। जबकि प्राइवेट में इसके 200 से 500 रुपये वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा मलेरिया और टाइफाइड की जांच भी निशुल्क होती है। इसके प्राइवेट लैबों में 50 से 150 रुपये मरीजों से लिए जा रहे हैं। चिकनगुनिया की जांच प्राइवेट में 300 से 500 रुपये चुकाकर हो रही है। डेंगू में सबसे ज्यादा प्लेटलेट्स काउंट जांच कराई जाती है। यहां जांच सरकारी अस्पताल में 35 रुपये में होती है। जबकि प्राइवेट में इसके 250 से 500 रुपये वसूले जा रहे हैं। इसी तरह डेंगू मरीजों की शुगर और सीबीसी जांच कराई जाती है। सरकारी में शुगर का टेस्ट 35 रुपये में होता है। जबकि प्राइवेट में इसके 80 से 150 रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं सीबीसी का सरकारी में शुल्क 145 रुपये है। वहीं प्राइवेट में यही जांच 400 से 800 में हो रही है। कुछ लोगों इस संबंध में देहरादून सीएमओ को शिकायत भी भेजी है।