पार्कों के रखरखाव में पालिका फिसड्डी

ऋषिकेश।
नगर में दो दर्जन से अधिक पार्क है। अधिकतर पार्क नगर पालिका ऋषिकेश की देखरेख में है। लेकिन सौंदर्यकरण के अभाव में पार्क लोगों के आकर्षण का केन्द्र नही बन पा रहे है। नगर पालिका में स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय पार्क में झूले तो लगे है। लेकिन पार्क क्षेत्र में पानी जमा हुआ है। बरसाती पानी की निकासी नही होने से जगह-जगह कीचड़ है। गोबिन्द नगर स्थित पार्क अब आंगनबाड़ी केन्द्र में तब्दील हो चुका है। पार्क में झूले नही है, सिर्फ छोटा सा ग्रांउड शेष है।
देहरादून रोड स्थित पार्क की हालत तो किसी ट्रंचिंग ग्राउंड से कम नही है। पार्क में गंदगी का ढेर लगे होने से बदबू आ रही है। ऐसे में पार्क के अंदर तो दूर कोई उसके पास से भी नही गुजरना चाहता है। नगर पालिका क्षेत्र के अन्य वार्डो में भी पार्क है, लेकिन इन पार्कों की स्थिति भी संतोषजनक नही है। शहर में पार्क होने से बच्चों और बुजुर्ग को बड़ी राहत मिलती है। जहां बच्चे झूले झूलने के लिए पार्कों में आना चाहते है। वहीं, बुजुर्ग भी सुबह शाम की सैर सपाटा करने के लिए पार्कों को मुफीद मानते है।
नगर पालिका क्षेत्र में इन पार्कों की सुध लेने वाला कोई नही है। पालिका जहां बजट की कमी बताकर पार्कों के सौंदर्यकरण से अपने हाथ पीछे खींच देती है। वहीं स्वयंसेवी संस्थायें व कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए गठित समितियां भी पार्कों के सौंदर्यकरण को लेकर उदासीन बनी हुयी है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि नगर पालिका ऋषिकेश को पार्क सौंदर्यकरण के नाम पर कोई बजट नही मिलता है। सीमित संसाधनों में पार्क का सौंदर्यकरण करना मुश्किल है। हां साफ सफाई और गंदगी के ढेर लगे होने पर पार्कों की सफाई करायी जायेगी।