निरंकारी मंडल ने मनाया मानव एकता दिवस

ऋषिकेश।
सोमवार को ऋषिकेश ब्रांच की ओर से निरंकारी सत्संग भवन में मानव एकता दिवस मनाया गया। प्रचारक महादेव कुड़ियाल ने कहा कि आज भौतिक पदार्थों को इकट्ठा करने की होड़ में इंसान मानवता को ही खोता जा रहा है। मानव दिवस मनाना तब तक सार्थक नहीं हो सकता है। जब तक इंसान अपने जीवन में मानवता और इंसानियत के गुणों को आत्मसात नहीं कर ले। उन्होंने मानवता की व्याख्या करते हुए कहा कि संसार में केवल एक ही बुद्धिजीवी जीव मानव है। दूसरों के प्रति दया व सहयोग करने की भावना और सार्थक प्रयास ही मानवता है।
सभी धर्म और पंथ यह प्रमाणित करते हैं कि परमात्मा कण-कण में व्याप्त है। फिर भी इंसान अज्ञानता पूर्वक इन्हें ढूंढ़ने में अपना समय व्यर्थ कर रहा है। मानव सेवा को धर्म से ऊपर की संज्ञा देने के पीछे प्रमुख कारण ही यह है कि जीव मात्र पर दया कर उसे अपनी ममता की छांव में सहेजना ही इंसानियत है। उन्होंने संत निरंकारी मिशन को धर्म और संस्था से अलग हटकर साझा मंच करार दिया। स्थापना का उद्देश्य और मानव सेवा के साथ अस्तित्व में आए मिशन की जानकारी भी दी। बताया कि मिशन ने मानव एकता को मानने और एक ही ईश्वर को जानने का संदेश दिया है।
मानव एकता कार्यक्रम का संचालन शिव कुमार ने किया। मौके पर ब्रांच संयोजक हरीश बांगा, दुश्यन्त वैद्य, ज्ञान प्रचारक शांति प्रसाद उनियाल, कृष्णानंद खंडुड़ी, जीएस चौहान, विनोद बत्रा, जय सिंह बिष्ट, अमृत लाल बत्रा, कृष्णलाल कथूरिया, जीएस रवि, मायाराम कुडियाल, जब्बर सिंह मेहर, बलबीर सिंह रावत, पृथ्वी रमोला, राजन निरंकारी, अनिल लिंगवाल, जंगबहादुर गुसांई आदि ने कार्यक्रम में सहयोग दिया।