राष्ट्रीय पुलिस स्मारक सर्वोच्च बलिदान की गौरवगाथा दर्शाता हैः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीदों की शौर्य गाथा और पराक्रम को नमन करते हुए पुष्प्प च्रक एवं श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर प्रेस प्रतिनिधियोें को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की यह राष्ट्रीय स्मारक, राष्ट्र की रक्षा में पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों के बलिदान और समपर्ण की याद दिलाता है। उन्होंने कहा की राष्ट्रीय पुलिस स्मारक एक प्रेरणादायक स्मारक है। यह सदैव सर्वोच्च बलिदान की गौरवगाथा को बताता है।

मुख्यमंत्री ने बताया की वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड राज्य में आई भीषण आपदा के उपरान्त राज्य में एस.डी.आर.एफ का गठन किया गया है जिसके द्वारा प्राकृतिक आपदा दुर्घटना के समय राहत एवं बचाव का कार्य किया जाता है। वर्तमान में राज्य में एस.डी.आर.एफ की चार कम्पनियाॅ कार्यरत है। मुख्यमंत्री ने कहा की सिटी क्राइम पर नियन्त्रण किये जाने के उद्देश्य से प्रयोग के रूप में उत्तराखण्ड राज्य के चार जनपदों में सीटी पेट्रोल यूनिट (सी.पी.यू) का गठन किया गया है जिसका कार्य चैन स्नेचिंग, महिला छोड़खानी, आटो लिफिटिंग लूट, एक्सीडेंट रोकना आदि है।
मुख्यमंत्री ने बताया की उत्तराखण्ड में वर्ष 2000 से 2019 तक शहीद पुलिसकर्मियों की संख्या 182 है। उन्होंने कहा कि देश में शांति व्यवस्था कायम रखने, प्राकृतिक आपदा या दुर्घटनाओं में बचाव और राहत पहुॅचाने का कार्य हमारे जवान करते है और जब भी इनकी जरूरत होती है, यह उस समय मौजूद रहते है। इनकी कर्तव्य परायणता हम सभी को प्रेरणा देती है।

मुख्यमंत्री ने विजिटर बुक में लिखा “राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित करने का अवसर मिला। हमारे जवानों की शहादत ने स्मारक बनाने की प्रेरणा दी। देश की राजधानी में स्मारक बनने से उनकी शहादत को ‘‘सलाम‘‘ करने का यह अवसर मिला”।
कार्यक्रम में उत्तराखंड मे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सांसद राजलक्ष्मी शाह, सांसद अजय भट्ट, विधायक देशराज कर्णवाल, रितु खण्डूरी, हरबंस कपूर, गणेश जोशी, सुरेन्द्र सिंह जीना, मुन्ना सिंह चैहान, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, पुलिस अपर महानिदेशक विनय कुमार, पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, एस.डी.आर.एफ, तृप्ती भट्ट, औद्योगिक सलाहकार मा. मुख्यमंत्री केएस पंवार आदि उपस्थित थे।