मरीन ड्राइव बना नशेड़ियों का अड्डा

बैचों के आसपास पड़ी रहती हैं चिलम, भांग और शराब की खाली बोतलें
असामाजिक तत्वों के चलते मरीन ड्राइव पर घूमने जाने से घबरा रहे लोग

ऋषिकेश।
शहर का मरीन ड्राइव नशेड़ियों का अड्डा बन गया है। यहां शाम होते ही नशेड़ियों की महफिल जम जाती है। बैंचों के आसपास शराब की खाली बोतलें, डिस्पोजल ग्लास, नजकीन आदि के पैकेट, चिलम, भांग इसकी गवाही देने के लिए काफी हैं। ऐसे में घूमने आने वाले लोग असहज महसूस करते हैं। कई बार महिलाओं और युवतियों से अभद्रता की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। बावजूद इसके पुलिस असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती। त्रिवेणीघाट से बैराज के बीच गंगा किनारे मरीन ड्राइव बना है। शहरवासी और पर्यटक यहां घूमने जाते हैं। कोई सुबह और शाम को वॉक के लिए यहां भीड़ रहती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से मरीन ड्राइव पर घूमने वाले लोगों की संख्या में कम हो रही है। कारण शाम होते ही नशा करने वाले लोग यहां सक्रिय हो जाते हैं। इनके डर से महिलाएं और युवतियां यहां जाने से बच रही हैं।
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स्थानीय निवासी अशोक शर्मा, रंजन अंथवाल, मोहनीश शर्मा, मनीष अरोड़ा का कहना है कि पहले मरीन ड्राइव पर नशेड़ी सक्रिय नहीं थे, जब से पुलिस की गश्त कम हुई है नशेड़ी शाम होते ही मरीन ड्राइव पर कब्जा जमा लेते हैं। कई युवक तो दिन के समय भी नशा करते नजर आते हैं। यह लोग नशा करने के बाद नशेड़ी सरकारी संपत्ति को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं। कुछ दिन पहले यहां गमले तोड़ दिए गए थे। डस्टबीन उखाड़ कर फेंक दिए गए। कोतवाल वीसी गुसाईं का कहना है कि रिपोर्टिंग पुलिस चौकी त्रिवेणीघाट को निर्देश दिए जाएंगे कि वे गश्त बढ़ाए। नशेड़ियों की धरपकड़ की जाएगी। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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पुलिस चौकी खुलने का मामला लटका
मरीन ड्राइव की सुरक्षा के मद्देनजर स्थानीय लोगों ने यहां पुलिस चौकी खोलने की मांग की थी, लेकिन पुलिस चौकी का मामला लटका हुआ है। कई बार मरीन ड्राइव पर आपराधिक घटनाएं भी हो चुकी हैं। हालांकि पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करती है। नशे के सामान के साथ कई युवकों को पकड़ जा चुका है। अगर यहां पुलिस चौकी खुलती है तो असामाजिक तत्वों पर लगाम लगेगी।