भोजन की तरह ही सत्संग भी प्राणी जगत के लिए आवश्यकः अग्रवाल

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दिव्य श्रीराम कथा के दूसरे दिन शिरकत की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
प्राचीन सोमेश्वर महादेव प्रांगण में हो रही भव्य श्री राम कथा के दूसरे दिवस में संत श्री लक्ष्मी नारायणनंद जी महाराज ने सत्संग की महिमा एवं संतों की महिमा की कथा श्रवण कराया।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अपने कर्तव्य कर्मों को करने के साथ-साथ सत्संग भी आवश्यक है, जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त होती है हम सदैव स्वस्थ रहते हैं। उसी प्रकार मनुष्य को सत्संग भी आवश्यक है क्योंकि सत्संग से आत्म बल बढ़ता है और जिस मनुष्य का आत्मा बल बढ़ जाता है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि सत्संग जीवन में हर प्रकार के दुखों से निवृत होने को तैयार रहता है। रामकथा हमें सरल व विनम्र बनाती है एवं मनुष्य के जीवन में मर्यादा आती है। उन्होंने कहा कि राम हमारे आदर्श हैं इसलिए रामचरित्र को श्रवण करके एक आदर्शवादी इंसान बनने का प्रयास चाहिए। अगर मनुष्य पर कोई भारी दुख भी आ जाए तो उसे उस दुख से हताश नहीं होना चाहिए।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि जिस प्रकार राजवंश में जन्म लेकर भगवान को 14 वर्ष का वनवास मिला, परंतु वह दुखी नहीं हुए। उन्होंने वन में रह कर के भी इस बात को साबित कर दिया कि मनुष्य चाहे तो उसके लिए वन भी 100 अवध के समान हो सकता है। मनुष्य अपने गुण और कर्मों को निखारे और गुण और कर्म से ही मनुष्य की जगत में ख्याति होती।

इस दौरान महंत रामेश्वर गिरी महाराज, पुनीत गिरी महाराज, संगम गिरी महाराज, मण्डल अध्यक्ष सुमित पंवार, जिला उपाध्यक्ष दिनेश सती, रमेश अरोड़ा, प्रतीक कालिया, विजय शर्मा आदि श्रद्धालु उपस्थित थे।