इंडोनेशिया के संगीत कलाकारों ने समां बांधा

ऋषिकेश।
महर्षि पतंजलि योग मंडप में सुबह साधकों को योगाचार्य सुयेन्द्र पुरी ने सूर्य क्रिया का अभ्यास कराया। योगी जयदेवन ने कहा कि शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए योग और प्राणायाम जरूरी है। योग साधना से मनुष्य का तन और मन दोनों स्वस्थ होता है। साथ ही यौगिक क्रियाओं से साधक स्वयं का आत्म साक्षात्कार कर लेता है।
महर्षि वशिष्ठ सभागार में अस्ट्रेलिया से आई योगगुरु तारा ने हठ योग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके निरंतर अभ्यास से मांस पेशियां मजबूत होती हैं। वहीं जोड़ों के दर्द से मुक्ति मिलती है। योगी अमित शर्मा ने एंगर योग की जानकारी देते हुए बताया कि इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और तनमन निरोग रहता है। स्विटजरलैंड से आई ऊषा देवी ने योग साधकों को प्राणायाम और योगासन का अभ्यास कराया। डॉ. स्वामी भारत भूषण ने कुंडलिनी जागरण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी खास तरह की धुन, संगीत और नृत्य से कुंडलिनी जागरण का कोई लेना-देना नहीं है। यह एक गहन साधना है। योग दिवस के छठें दिन ऋषिकेश आर्ट एंड फेस्टिवल कार्यक्रम के तहत इंडोनेशिया के संगीतज्ञों ने सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।