नवरात्रों में वास्तु के हिसाब से रखें अंखंड ज्योति

चैत्र नवरात्रि का महापर्व शुरू हो चुका है और भक्‍तों के लिए इसके नौ दिन बेहद बेहद खास होते हैं। खास तौर से घर में घट (कलश) स्‍थापना करने वालों के लिए, जिसका वास्‍तु शास्‍त्र में भी विशेष महत्‍व होता है और अगर वास्‍तु के अनुसार अगर इसे किया जाए तो यह और भी ज्‍यादा शुभ व फलदायी साबित हो सकता है। इसके लिए बस कुछ खास बातों का ध्‍यान रखने की जरूरत है, जैसे कि कई लोगों को इस बात का पता नहीं होगा कि नवरात्रि में अखंड ज्‍योति को किस दिशा में जलाकर रखना चाहिए। तो चलिए आपको इसी तरह के नवरात्रि पूजा व घट स्‍थापना से जुड़े वास्‍तु नियमों से अवगत कराते हैं।
ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व दिशा को देवी-देवताओं का स्थान माना गया हैं। इसी दिशा में माता की प्रतिमा और घट की स्थापना करना उचित व शुभ होता है। कलश को गलती से भी नीचे जमीन पर ना रखें, बल्कि चंदन के पटिए पर इसकी स्थापना करें। यह बहुत ही शुभ माना जाता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि पूजा वाली जगह के ऊपर कोई गंदे कपड़े आदि पड़े हुए ना हो।
जिस जगह पर माता की प्रतिमा को स्थापित किया गया है, वहां के आस-पास की जगह को थोड़ा खुला रखें। अगर आपने नवरात्र में अखंड ज्यो​ति जलाने का संकल्प लिया हैं तो इसे गलत दिशा में ना रखें। अखंड ज्यो​ति पूर्व-दक्षिण कोण यानि आग्नेय कोण में ही रखने पर शुभ होता हैं। ध्यान रहें पूजा के समय इसका मुंह पूर्व या फिर उत्तर दिशा में होना चाहिए। नवरात्रि में कुछ लोग अपने घर पर लगे ध्वज को भी बदलते हैं, मगर इस बार उसे बदलते हुए उसकी दिशा को ध्यान में जरूर रखें। घर की छत पर उत्तर-पश्चिम कोने पर ही उसे लगाएं।