आईआईटी रुड़की के विभागाध्यक्ष से लाखों की साइबर ठगी

रुड़की।
अभी तक आपने अमेरिका और चीन सहित अन्य देशों में भारत की ऑफिशियल साइटों को हैक करने के के मामले सुने ओर पढ़े होंगे लेकिन खबरदार अब आपका अकाउंट भी विदेशी हैकर्स की रडार पर है।
आधुनिक समाज मे अपने पैसों को बैंको में जमा कराकर आम आदमी आश्वस्त हो जाता है कि अब उसका धन फुलप्रूफ सिक्योर है यानी यहां से चोरी या लूट का खतरा उसे नही सताता है लेकिन जब खाते ऑनलाइन हुए तब यह भ्रम टूटा और लोग खातों के डिजिटल ट्रांजेक्शन से ना केवल डरने लगे बल्कि साइबर ठगों का शिकार भी होने लगे है ये कही ना कही भारत सरकार की महत्वाकांक्षी डिजिटलाइज्ड इंडिया योजना को बड़ा झटका कहा जा सकता है।
ताजा मामला आईआईटी रुड़की का है जहां भूकम्प इंजीनियरिग विभाग के विभागाध्यक्ष को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया है अमेरिका में उनके क्रेडिट कार्ड को हैक करके एक लाख तिरासी हजार रूपये की रकम से खरीदारी की गई है और जब पीड़ित प्रोफेसर के पास उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पंर खाते से रुपये निकासी के मैसेज आये तो उनके होश उड़ गए उन्होंने तत्काल आईआईटी रुड़की के कैम्पस में स्थित अपने बैंक से संपर्क कर जानकारी ली तो पता चला कि अमेरिका में चार दुकानों पर उनके क्रेडिट कार्ड नंबर का इस्तेमाल कर ऑनलाइन शॉपिंग की गई है इसके तुरंत बाद प्रोफेसर ने अपना अकाउन्ट ब्लाक कराया और इसकी जानकारी देहरादून की साइबर सेल को दी, अब साइबर सेल मामले की जांच में जुट गई है।
रुड़की में साइबर ठगों का शिकार हुए प्रोफेसर पहले आदमी नही है अब तक रुड़की क्षेत्र में 40 से ज्यादा मामले एटीएम कार्ड के ओर दो दर्जन से ज्यादा मामले ऑनलाइन ठगी के दर्ज हुए है लेकिन एक भी मामले में कोई सफलता पुलिस को हाथ नही लगी है साथ ही ऐसे अनगिनत मामले है जिनमे प्रक्रिया मुकदमा दर्ज होने तक पहुंची ही नही।
कहा जा सकता है कि भले ही प्रधानमंत्री मोदी देश के प्रत्येक सेक्टर को आदर्श डिजिटल सेक्टर में तब्दील करना चाहते हो लेकिन मौजूदा सिस्टम की तमाम खामियां उनकी इस ड्रीम योजना को पार लगाने में असमर्थ दिखती है।