एनएच घोटालें से घिरे अधिकारियों पर कसेगा शिकंजा

अरुण शर्मा।
प्रदेश के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर व सितारगंज तहसील क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 74 के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजा में तकरीबन 250 करोड़ का घोटाला सामने आ चुका है। इस मामले की सीबीआइ जांच की संस्तुति की जा चुकी है। सरकार इस मामले में तत्कालीन एसलओ दिनेश प्रताप सिंह व अनिल कुमार शुक्ला और तत्कालीन एसडीएम सुरेंद्र सिंह जंगपांगी, जगदीश लाल, भगत सिंह फोनिया तथा एनएस नगन्याल को निलंबित कर चुकी है। ये सभी अभी राजस्व परिषद में संबद्ध हैं। अब इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। दरअसल, एनएच 74 को फोर लेन बनाया जा रहा है। इसके लिए भूमि के अधिग्रहण में दिए जाने वाले मुआवजे में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई। यह बात सामने आई कि पूरे प्रकरण में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के साथ ही इसमें भू-परिवर्तन का घोर उल्लंघन किया गया है।
यह भी खुलासा हुआ कि संगठित तरीके से तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों ने नियम कायदों को दरकिनार करते हुए कृषि भूमि को अकृषि दिखाते हुए लाभार्थियों को मुआवजा दिया। अभी सीबीआइ जांच शुरू नहीं हुई है, इस बीच शासन ने विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी है। शासन ने इन सभी अधिकारियों की चार्जशीट राजस्व परिषद भेज दी है। वहीं से यह इन अधिकारियों को तामील कराई जाएगी। आरोप पत्र तामील करने की सूचना शासन को भेजी जाएगी। प्रभारी सचिव कार्मिक अरविंद सिंह ह्यांकि ने बताया कि चार्जशीट जारी कर दी गई है। 15 दिनों के भीतर अधिकारियों से जवाब मांगा गया है। आरोप स्वीकार करने की सूरत में आगे विभागीय कार्यवाही होगी। यदि आरोप स्वीकार नहीं किए जाते तो फिर नियमानुसार इसके लिए जांच अधिकारी नामित किया जाएगा, जो मामले की जांच करेगा।