हनीप्रीत ने बाबा को बर्बाद करने की खायी थी कसम

राम रहीम और हनीप्रीत को लेकर एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। डेरे के एक पूर्व सेवादार ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि राम रहीम अपनी हनीप्रीत से एक बच्चा चाहता था, जिसे वो डेरे प्रमुख बनाए। पूर्व सेवादार गुरदास सिंह तूर का आरोप है कि ये आइडिया खुद हनीप्रीत का था। वो नहीं चाहती थी कि राम रहीम के बाद डेरा का उतना बड़ा साम्राज्य उसके बेटे जसमीत सिंह इंसां को मिले।
गुरदास सिंह तूर के मुताबिक, राम रहीम के बाद डेरे में हनीप्रीत का दबदबा नंबर दो जैसा बन चुका था, इसलिए वो चाहती थी कि राम रहीम और उसका कोई बच्चा हो तो वही डेरे का मुखिया बने। राम रहीम भी इसके लिए राजी था और चाहता था कि बच्चे के पिता का नाम दुनिया की नजरों में विश्वास गुप्ता ही रहे, लेकिन उनकी चाल भांप कर विश्वास ने पहले ही तलाक लेकर इनके अरमानों पर पानी फेर दिया।
वहीं, इस मामले का एक और चश्मदीद सामने आया है, जो उस रात का गवाह है, जब शादी के बाद पहली बार हनी बाबा की गुफा में गई थी। राम रहीम के ड्राइवर रहे खट्टा सिंह के बेटे गुरदास सिंह हनीप्रीत और बाबा के रिश्तों के एक अहम चश्मदीद हैं। राम रहीम ने ही हनीप्रीत की शादी करवाई। उसके फौरन बाद एक रात हनीप्रीत को अपनी गुफा में रहने के लिए बुला लिया। गुरदास उस रात गुफा के बाहर तैनात था। गुरदास सिंह को उस रोज पहली बार शक हुआ था कि राम रहीम हनीप्रीत के साथ कुछ गलत करने जा रहा है। अगली सुबह हनीप्रीत बाबा की गुफा से रोती हुई बाहर निकली थी। उन दिनों खुद हनीप्रीत के दादा डेरे के खजांची हुआ करते थे। हनीप्रीत सीधे दादा के पास गई। उसकी ये हालत देख कर उसके दादा ने डेरे में काफी हंगामा किया। राम रहीम के खिलाफ खुल कर बोलने लगे, लेकिन उन्हें चुप करा दिया गया।
इस घटना के फौरन बाद हनीप्रीत डेरा छोड़ कर अपने घर फतेहाबाद के लिए निकल गई, लेकिन बाबा के कुछ गुर्गों ने हनीप्रीत का पीछा किया और हथियारों के दम पर उसे रास्ते में ही एक ढाबे से उठा कर डेरे पर वापस ले आए। ऐसा कहा जाता है कि उस दिन हनीप्रीत ने कसम खाई थी कि वो बाबा को बर्बाद करके दम लेगी। गुरदास को अब लगता है कि राम रहीम की तबाही के पीछे शायद हनीप्रीत की वो कसम ही है।