शहीद प्रदीप रावत द्वार से होगी गंगानगर की पहचान

गंगानगर के मुख्य द्वार पर शहीद प्रदीप सिंह रावत के नाम का द्वार स्थापित हो गया है। इसी के साथ इस गंगानगर को अब शहीद प्रदीप सिंह रावत द्वार के नाम से जाना जाएगा। 12 अगस्त को शहीद की दूसरी पुण्यतिथि पर इस द्वार का लोकार्पण विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल करेंगे।

बता दें कि 12 अगस्त 2018 को उड़ी सेक्टर में तैनात तीर्थनगरी के बहादुर जाबांज प्रदीप रावत पुत्र कुंवर सिंह रावत वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनकी शहादत पर पूरी तीर्थनगरी सहित उत्तराखंड गमगीन हुआ था। शहीद की अंतिम यात्रा में शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा, जो घर से निकलकर नमन करने न आया हो। शहीद की अंतिम यात्रा में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उनके घर अपर गंगानगर के मार्ग को शहीद प्रदीप रावत द्वार बनाने की घोषणा की थी। शहीद की पहली पुण्यतिथि 12 अगस्त 2019 को विस अध्यक्ष ने इस द्वार का शिलान्यास किया था। एक साल के भीतर यह द्वार बनकर तैयार हो गया है। अब दूसरी पुण्यतिथि के दिन इस द्वार का लोकार्पण किया जाना है। लोकार्पण के साथ ही अपर गंगानगर को लोग शहीद प्रदीप रावत द्वार के नाम से जानेंगे।

एक नजर शहीद प्रदीप रावत पर…
ऋषिकेश। 10 अक्टूबर 1990 को सैनिक कुंवर सिंह रावत के परिवार में हुआ। तीन बहनों के एकलौते भाई प्रदीप ने प्रारंभिक शिक्षा भगवती देवी पूर्णानंद महाराष्ट्र निवास सरस्वती शिशु मंदिर से की। इसके बाद कक्षा छह से उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर आवास विकास तथा 12वीं की परीक्षा उन्होंने श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से उत्तीर्ण की। 19 मार्च 2010 में उन्होंने सेना में दाखिला पाया। 10 अक्टूबर 2013 को स्पेशल फ्रन्टियर फोर्स में उनका चयन किया। 02 अप्रैल 2017 में उनकी तैनाती उड़ी सेक्टर में हुई। इसके बाद 12 अगस्त 2018 को वह सीमा पर शहीद हो गए।